अनिल स्टार था, इसकी मर्ज़ी से कास्टिंग का उलट फेर हो जाता था : नाना पाटेकर

अनिल स्टार था, इसकी मर्ज़ी से कास्टिंग का उलट फेर हो जाता था : नाना पाटेकर

नाना पाटेकर के साथ अनिल कपूर की फाइल फोटो

मुंबई:

फ़िल्म 'परिंदा' का विलेन 'अन्ना' का किरदार सबको याद ही होगा जिसे नाना पाटेकर ने निभाया था। अन्ना ने न सिर्फ़ नाना को बड़ी पहचान दी बल्कि ये किरदार बॉलीवुड का एक आइकॉनिक किरदार बन गया और हमेशा रहेगा।

मगर इस कहानी को शायद ही कोई जानता होगा की नाना पाटेकर फ़िल्म 'परिंदा' में अनिल कपूर के बड़े भाई की भूमिका निभाने वाले थे। वही भूमिका जिसे जैकी श्रॉफ ने निभाया और पुरस्कार हासिल किया। मगर वो अनिल कपूर ही थे जिसने नाना पाटेकर को बड़ा भाई नहीं बनने दिया और नाना को अन्ना का आइकॉनिक रोल दिलवाया। आपको बता दें कि निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा के दिमाग में अनिल के बड़े भाई के लिए नसीरुद्दीन शाह का नाम भी विचारों में था मगर अनिल कपूर, जैकी को बड़े भाई के रोल में ले आए थे।

अब नाना और अनिल एक बार फिर 'वेलकम बैक' में साथ-साथ आ रहे हैं और इस फ़िल्म के प्रचार के दौरान नाना ने खुलासा किया और अन्ना के उस किरदार से जुड़ी यादों को और बताया कि उन्‍हें अन्ना बनाने वाले अनिल कपूर ही थे।

हंसी मज़ाक़ के अंदाज़ में अनिल कपूर ने कहा, 'नाना और जैकी को मेरा शुक्रिया अदा करना चाहिए क्योंकि नाना को मेरा बड़ा भाई बनाया जा रहा था परिंदा में।' वहीं नाना ने भी मज़ाकिया लहज़े में कहा, 'ये बात सही है, उस वक्त अनिल स्टार था...इसकी मर्ज़ी से कास्टिंग का उलट फेर हो जाता था इसलिए इसने मुझे अन्ना का किरदार दिलवाया।'

अनिल कपूर ने उस भूमिका की तारीफ़ करते हुए कहा, 'नाना पाटेकर के अलावा उस रोल के साथ कोई भी कलाकार इंसाफ नहीं कर पाता। जिस तरह उस किरदार को नाना ने निभाया है मुझे नहीं लगता की नाना से बेहतर कोई भी अन्ना की भूमिका को निभा सकता था और मैं ऐसा फ़िल्म की बेहतरी के लिए चाहता था इसलिए अच्छी कास्टिंग चाहता था।'

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वैसे पुरानी कहावत है कि जो होता है वो अच्छे के लिए होता है और जो होगा वो भी अच्छे के लिए ही होगा। फ़िल्म परिंदा की कास्टिंग को देखकर ये कहावत बिलकुल सही सिद्ध होती है। अन्ना के किरदार ने नाना को अलग पहचान दी और बड़े भाई के रोल ने जैकी श्रॉफ को पुरुस्कार।