यह ख़बर 18 फ़रवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

इस समय बॉलीवुड में बहुत ज़्यादा दबाव है : जूही चावला

फाइल फोटो

मुंबई:

अभिनेत्री जूही चावला ने हिंदी सिनेमा जगत में अपने 25 साल के करियर में कई सारे उतार-चढ़ाव देखे हैं। लेकिन उनका मानना है कि वर्तमान पीढ़ी के कलाकारों पर अपना अस्तित्व और पहचान कायम करने और उसे बनाए रखने का काफी दबाव होता है।

जूही ने एक साक्षात्कार में कहा, "मैं ईश्वर का शुक्रिया अदा करती हूं कि मेरा दौर कुछ और था। मुझे लगता है कि इस समय कलाकारों पर बहुत दबाव होता है।"

जूही ने कहा, "इस समय हिंदी सिनेमा में बहुत सारे नवोदित कलाकार हैं। पहले का जमाना कुछ और था, यदि आप एक बार अपनी पहचान कायम करने में कामयाब हो जाते थे, तो आपके पास आगे बढ़ने का अवसर होता था। मुझे लगता है कि आज यहां बने रहने के लिए मजबूती से टिकना पड़ता है।"

उन्होंने आगे कहा, "आजकल जीरो फिगर, पब्लिकरिलेशन और मार्केटिंग जैसी बातों का हल्ला है। मैं उम्मीद करती हूं कि आज की पीढ़ी अपने समय का लुत्फ उठा रही होगी।" हालांकि 46 वर्षीया जूही इस दौर के फिल्मी तौर तरीकों से खुश नहीं नजर आतीं।

एक दौर में दर्शकों को अपनी खूबसूरत मुस्कान और मासूमियत से मोह लेने वाली जूही ने मिस इंडिया यूनिवर्स का ताज जीतने के बाद फिल्मों की ओर रुख किया था। उनकी पहली फिल्म 1986 में आई 'सल्तनत' थी।

साल 1988 में फिल्म आई 'कयामत से कयामत तक' जूही की पहली हिट फिल्म थी। उसके बाद जूही ने 'डर' 'हम हैं राही प्यार के' और 'इश्क' जैसी हिट फिल्मों में काम किया।

वहीं, 1998 में व्यवसायी जय मेहता से शादी के बाद जूही ने 'तीन दीवारें' 'माई ब्रदर निखिल' और 'झंकार बीट्स' जैसी अलहदा फिल्मों के साथ भी प्रयोग किया।

अपनी आने वाली फिल्म 'गुलाब गैंग' में जूही एक दौर में अपनी प्रतिद्वंद्वी रही अभिनेत्री माधुरी दीक्षित के साथ दिखाई देंगी।

फिल्म के बारे में जूही ने कहा, "इस फिल्म में मैं माधुरी की प्रतिस्पर्धी नहीं हूं, बल्कि हम दोनों की भूमिकाओं से ही फिल्म की कहानी पूर्ण होती है।"

उन्होंने कहा, "माधुरी कहानी की नायिका हैं, लेकिन यदि कहानी से मेरा किरदार हटा दिया जाए, तो फिल्म में कुछ नहीं बचेगा।"

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फिल्मकार सौमिक सेन निर्देशित 'गुलाब गैंग' सात मार्च को सिनेमाघरों में आ रही है।