यह ख़बर 26 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

'बजाते रहो' में ढूंढते रह जाओगे कॉमेडी

खास बातें

  • फिल्म में उतनी ही कॉमेडी है, जितनी प्रोमो में दिखाई गई। कहानी, स्क्रिप्ट, स्क्रीनप्ले, गीत-संगीत सभी पक्ष कमजोर हैं।
मुंबई:

फिल्म 'बजाते रहो' की कहानी रवि किशन से 15 करोड़ लूटने या ठगने की कोशिश के इर्द-गिर्द घूमती रहती है। लेकिन ऐसी कोशिश क्यों हो रही है, यह आपको फिल्म देखकर पता चलेगा।

'बजाते रहो' की शुरुआत अच्छी है, जहां स्टिंग ऑपरेशन और खूब भागदौड़ है। मगर आधे घंटे के बाद ही फिल्म का मजा किरकिरा हो जाता है। कॉमेडी बताकर इस फिल्म को प्रोमोट किया गया है, मगर जितनी कॉमेडी प्रोमो में है, बस उतनी ही फिल्म में भी है।


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वीडियो रिपोर्ट : 'बजाते रहो' में ढूंढते रह जाओगे कॉमेडी
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हालांकि फिल्म का प्लॉट ठीक है, मगर स्क्रीन प्ले और कॉमेडी की सिचुएशन अच्छी नहीं बन पाई। बस पूरी फिल्म में प्लानिंग है 15 करोड रुपये लूटकर रवि किशन का बाजा बजाने की। संगीत भी स्तरीय नहीं है और कुछ सीन को छोड़ दें, फिल्म में हंसी बहुत ही कम आती है। अपनी उम्मीदों पर खरी न उतरने वाली 'बजाते रहो' एक बहुत ही ऐवरेज फिल्म है, इसलिए इस फिल्म को 2 स्टार...
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