यह ख़बर 09 मई, 2014 को प्रकाशित हुई थी

फिल्म रिव्यू : किसी भी तरह प्रभावित नहीं कर पाई 'कोयलांचल'...

मुंबई:

इस हफ्ते रिलीज़ हुई है 'कोयलांचल', जिसके निर्माता-निर्देशक है आशु त्रिखा, और मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं विनोद खन्ना, सुनील शेट्टी, रूपाली कृष्णराव ने... वैसे, इस फिल्म से एक्टिंग की दुनिया में विपिन्नो भी कदम रख रहे हैं... 'कोयलांचल' की कहानी कोयला खदानों और उनसे जुड़े माफियाओं के इर्द-गिर्द घूमती है...

कोयला माफिया के सरगना हैं 'सरयूभान सिंह', यानि विनोद खन्ना, जो अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज़ को दबा देते हैं... सरयूभान सिंह का 'हुक्म का इक्का' है 'करवा', यानि विपिन्नो, जो अपने मालिक का वफादार है और उसके एक इशारे पर अपनी जान देने और किसी की जान लेने का दम रखता है...

सरयूभान सिंह के इस कोयला राज में उनकी राह का रोड़ा बनता है, उनके इलाके का कलेक्टर निशीथ कुमार, जो एक ईमानदार अफसर है, और जिसे अपने इलाके की कालिख धोने का काम सौंपा गया है... निशीथ के किरदार में हैं सुनील शेट्टी और उनकी पत्नी का किरदार निभाया है रूपाली कृष्णराव ने... अब सरयूभान सिंह अपने रास्ते के रोड़े को हटाने के लिए क्या करेगा, यह शायद आप समझ चुके होंगे, लेकिन बाकी की कहानी जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी...

अब बात फिल्म की खामियों और खूबियों की... फिल्म की कहानी इधर-उधर भटकती नज़र आती है... स्क्रीनप्ले का भी यही हाल है... निर्देशक आशु त्रिखा शायद इसी गुत्थी को नहीं सुलझा पाए कि वह '90 के दशक का सिनेमा बनाना चाहते थे, आज के दौर की वास्तविकता से जुड़ी फिल्म बनाना चाहते थे, या मसालेदार फिल्म... फिल्म की कहानी अगर सीधे-सीधे 'कोयलांचल', वहां के माफिया और सरकार से उनकी लड़ाई तक सीमित रहती तो शायद बेहतर होता... सतही तौर की मारधाड़, जबरदस्ती के भावुक सीन्स बनाने की कोशिश, और मैलोड्रामा ने फिल्म को 'कोयले की राख' जैसा ही बनाकर रख दिया...

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

सुनील शेट्टी अपने किरदार में बिल्कुल फिट हैं, लेकिन विनोद खन्ना का किरदार अपनी छाप नहीं छोड़ पाता... सुनील शेट्टी के साथ अच्छी बात यह रही कि उन्होंने अपने किरदार को बहुत सहज रखा... फिल्म में दिखे नए चेहरे विपिन्नो अपने चेहरे और कदकाठी के दम पर बॉलीवुड में आगे जगह बना सकते हैं, क्योंकि इस फिल्म के निर्देशक ने तो उन्हें बोलने का ज़्यादा मौका दिया ही नहीं... उन्हें देखकर मशहूर विलेन डैनी की याद आती है... फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर, सिनेमैटोग्राफी या एक्शन कतई प्रभावित नहीं करता... मेरी तरफ से 'कोयलांचल' की रेटिंग है - 2 स्टार...