फिल्म समीक्षा : एकतरफा प्यार की कहानी है 'तेवर'

मुंबई:

फिल्म 'तेवर' की कहानी आगरा के लड़के और मथूरा के गुंडे की है। फिल्म में मथुरा के बाहुबली गुंडे के रोल में मनोज वाजपेयी हैं, जो एक सनकी आशिक़ हैं।

पहली ही नज़र में राधिका यानी सोनिका से उन्हें प्रेम हो जाता है। राधिका यानि सोनाक्षी मनोज वाजपेयी से किसी तरह भागने की कोशिश में है और आगरा का लड़का पिंटू यानी अर्जुन कपूर उसे बचाने के लिए भागता रहता है।

फ़िल्म 'तेवर' 2003 की तेलुगु हिट फ़िल्म "ओक्काडु" की रीमेक है। शुरुआत से ये कहा गया की फिल्म 'तेवर' एक लव-स्टोरी है, मेरी नज़र में भी ये है एक प्रेम कहानी तो है मगर एक सनकी प्रेमी का एक तरफा प्यार है।

हाँ, फ़िल्म में अगर कोई हीरो किसी हीरोइन को बचा रहा है तो अंत में उसे प्यार होना ही है, यही है 'तेवर' की कहानी।

फिल्म 'तेवर' बॉलीवुड की मसाला फिल्मों की तरह है। इस फिल्म में एक्शन है, मथुरा और आगरा की झलकियाँ हैं, बीच-बीच में गुदगुदाने वाले कुछ सीन और डायलॉग्स हैं जिनपर आपको हंसी आयेगी और कहीं-कहीं

थोड़ा इमोशन भी देखने को मिलेंगे। बाहुबली और सिरफिरे आशिक की भूमिका में मनोज वाजपेयी ने जान डाल दी है। अर्जुन कपूर और सोनाक्षी सिन्हा ने भी अपने किरदारों के साथ इंसाफ किया है। अमित शर्मा का निर्देशन भी ठीक है।

फिल्म की कमी की बात की जाए तो वो यह कि फिल्म 'तेवर' ज़रूरत से ज़्यादा लंबी है। अगर ये फिल्म थोड़ी छोटी होती तो इसके 'तेवर' कुछ और मज़ेदार होते। फिल्म का संगीत भी साधारण है।

कुल मिलाकर ये कह सकते हैं की इस फ़िल्म को मसाला एंटरटेनर बनाने की कोशिश की गई है मगर फिल्म बहुत ज़्यादा समय तक प्रभाव छोड़ने वाली नहीं दिखती। अगर आप मसाला फिल्में देखना पसंद करते हैं तो एक बार इस फिल्म को देख सकते हैं।

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इस लिए इस फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है 3 स्टार।