मुंबई:
'हम तुम और घोस्ट' से फिल्म निर्माण में हाथ आजमा चुके अभिनेता अरशद वारसी कहते हैं कि फिल्म बनाना कारोबार करने की तरह ही थकाने वाला एवं कठिन काम है। 'हम तुम और घोस्ट' का उनका अनुभव कटु रहा है।
'सहर' से लोकप्रियता पाने वाले निर्देशक कबीर कौशिक की फिल्म 'हम तुम और घोस्ट' में अरशद ने एक ऐसे शख्स की भूमिका निभाई जो मृत लोगों को देख सकता है। फिल्म की कहानी न तो दर्शकों से जुड़ सकी और न समीक्षकों से ही।
45 वर्षीय इस अभिनेता को उनके अनुभव ने सिखाया कि निर्माता का काम बिना लाभ का काम है।
अरशद ने बताया, यह सबसे कठिन कामों में से एक है और खासकर मेरे जैसे व्यक्ति के लिए। मैं बेहद खराब व्यापारी हूं।
इन दिनों फिल्मनिर्माता व्यापारी में बदल गए हैं और फिल्मों से उत्पाद जैसा व्यवहार किया जा रहा है, जिनकी पैकेजिंग आवश्यक हो गई है।
उन्होंने कहा, मौजूदा समय में जब फिल्में सिर्फ फिल्में न रहकर उत्पाद बन गईं हैं तो यह काम मुश्किल हो गया है। इसलिए अब आप सिर्फ फिल्मनिर्माता नहीं हैं। आप कारोबारी हैं, जिसे अपना उत्पाद बेचने की जरूरत है।
'मुन्नाभाई' और 'गोलमाल' श्रृंखला में अपनी हास्य भूमिकाओं के लिए लोकप्रिय अरशद ने फिल्म निर्माण का विचार ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
फिलहाल वह अपनी फिल्म परियोजनाओं में व्यस्त हैं और अपनी फिल्म 'डेढ़ इश्किया' और 'मिस्टर जॉय बी कारवाल्हो' के प्रदर्शन का इंतजार कर रहे हैं। दोनों अगले साल जनवरी में प्रदर्शित होनी हैं।
दिलचस्प बात है कि उनकी पत्नी मारिया गोराटी को उनका पर्दे पर सह-अभिनेत्रियों के साथ रोमांस करना पसंद नहीं है।
दो बच्चों के पिता अरशद ने कहा, मारिया को यह फूटी आंख नहीं सुहाता। इसमें कोई दो राय नहीं और मैं यह बात समझ सकता हूं।