यह ख़बर 07 जून, 2013 को प्रकाशित हुई थी

ऑटिज़्म पर बनी भारतीय फिल्म ने इटली में जीता पहला पुरस्कार

खास बातें

  • दिल्ली के पत्रकार-फिल्मकार दीपक पार्वतीयार की फिल्म 'आई एम स्पेशल : माई वर्ल्ड इज डिफरेंट' ने इटली में आयोजित अंतराष्ट्रीय लघु फिल्म समारोह 'ऑटिज़्मूवी फिल्म फेस्टिवल' में पहला पुरस्कार जीता है।
नई दिल्ली:

दिल्ली के पत्रकार एवं फिल्मकार दीपक पार्वतीयार की फिल्म 'आई एम स्पेशल : माई वर्ल्ड इज डिफरेंट' ने इटली में आयोजित अंतराष्ट्रीय लघु फिल्म समारोह 'ऑटिज़्मूवी फिल्म फेस्टिवल' में पहला पुरस्कार जीता है।

अहमदाबाद में फिल्माई गई छह मिनट आठ सेकंड अवधि की इस फिल्म को समारोह में 'प्राइमो क्लासिफिकेटो' पुरस्कार से नवाज़ा गया। कागलियारी के पार्को डि मोंटे कार्लो में 2 जून को पुरस्कारों की घोषणा के साथ फिल्मोत्सव का समापन हुआ।

पार्वतीयार की यह फिल्म फिल्म समारोह के आखिरी चरण में जगह बनाने वाली अकेली एशियाई फिल्म रही। उन्होंने एक बयान में कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि फिल्म को मिली पहचान लंबे समय से देश में भेदभाव का शिकार हो रहे ऑटिस्टिक बच्चों के प्रति समाज को जागरूक करने में कामयाब होगी।"

फिल्म 'आई एम स्पेशल : माई वर्ल्ड इज डिफरेंट' ऑटिज़्म-पीड़ित अहमदाबाद के सन्नी डिकोस्टा की कहानी है। जब सन्नी ढाई साल का था, उसके माता-पिता को महसूस हुआ कि वह उनकी बातों पर उचित प्रतिक्रिया नहीं देता है। चिकित्सकीय जांच में पता चला कि सन्नी को ऑटिज़्म नामक बीमारी है, जिसके बारे में उसके माता-पिता ने पहले कभी नहीं सुना था।

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पार्वतीयार की यह दूसरी वृत्तचित्र फिल्म है, जो विकलांगता पर आधारित है। उनकी पहली फिल्म देश के एकमात्र दृष्टिहीन एक्यूपंक्चर चिकित्सक की जिंदगी पर आधारित थी।