यह ख़बर 13 जून, 2013 को प्रकाशित हुई थी

जिया खुदकुशी मामला : सूरज पंचोली 27 जून तक न्यायिक हिरासत में

खास बातें

  • उधर, जिया खान की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, जिया के शरीर पर कहीं भी बाहरी चोट के कोई निशान नहीं थे, जबकि जिया की मां राबिया अमीन खान ने सूरज पंचोली पर जिया को पीटने का आरोप लगाया था।
मुंबई:

एक स्थानीय अदालत ने अपनी प्रेमिका और अभिनेत्री जिया खान को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार सूरज पंचोली को आज 27 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

उधर, जिया खान की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, जिया के शरीर पर कहीं भी बाहरी चोट के कोई निशान नहीं थे, जबकि जिया की मां राबिया अमीन खान ने सूरज पंचोली पर जिया को पीटने का आरोप लगाया था। राबिया ने यह भी दावा किया था कि जिया के चेहरे पर चोट के निशान भी थे।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सीमा जाधव ने उसकी पुलिस हिरासत की अवधि बढ़ाने का अनुरोध खारिज कर दिया। 21 वर्षीय सूरज अभिनेता आदित्य पंचोली और अभिनेत्री जरीना बहाव का पुत्र है।

अभियोजक एके पंचराणे ने सूरज की पुलिस हिरासत की अवधि बढ़ाने का अनुरोध करते हुए कहा कि पुलिस को कथित तौर पर जिया द्वारा लिखे गए छह पृष्ठों के पत्र में ‘बलात्कार’ शब्द लिखा मिला है। उन्होंने कहा कि वे इस दिशा में जांच करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि सूरज ने 25 वर्षीय जिया द्वारा भेजे गए एसएमएस को अपने मोबाइल फोन से हटा दिया और वे आत्महत्या के लिए उकसाए जाने के संबंध में भी इसकी जांच करना चाहते हैं।

अभियोजक ने दलील दी कि पुलिस ने पंचोली परिवार के नौकर से दो पत्र बरामद किए हैं और जांचकर्ता यह जानना चाहते हैं कि उन पत्रों को किसने और किसे लिखा था।

पुलिस रिमांड आवेदन में यह भी कहा गया है कि जांच अधिकारी सूरज की लिखावट का नमूना भी लेना चाहते हैं ताकि यह साबित किया जा सके कि सूरज ने जिया को पत्र लिखे थे।
 
सूरज के वकील जमीर खान ने दलील दी कि पुलिस ने पहले ही जिया की मां और बहन, पंचोली परिवार के नौकर सहित विभिन्न गवाहों के बयान दर्ज कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि सूरज के घर की तलाशी भी ली गई और पत्र तथा इलेक्ट्रोनिक उपकरण बरामद किए गए। उन्होंने दलील दी कि सूरज को हिरासत में लेकर और पूछताछ करने की जरूरत नहीं है।

खान ने कहा कि सूरज और जिया ने परस्पर भरोसा, प्यार और लगाव के कारण पत्रों का आदान-प्रदान किया था और सूरज को पुलिस हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।

बहरहाल, अदालत सूरज की पुलिस हिरासत की अवधि बढ़ाए जाने पर सहमत नहीं हुई और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसके बाद सूरज जमानत की मांग कर सकता है और उसके वकील ने कहा कि वे इस संबंध में जल्दी ही आवेदन करेंगे।

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इस मामले में सूरज को 10 जून को गिरफ्तार किया गया था और उसे 11 जून को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया जहां उसे आज तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया, लेकिन अदालत ने उसकी पुलिस हिरासत की अवधि नहीं बढ़ाई और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।