यह ख़बर 07 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

हंसाने में कामयाब हुई है 'खिलाड़ी 786'

खास बातें

  • फिल्म की कहानी है, मनसुख यानी हिमेश रेशामिया की, जो अपने पिता मनोज जोशी के साथ मिलकर शादी कराने का बिजनेस करते हैं।
मुंबई:

'खिलाड़ी कुमार' यानी अक्षय कुमार अपनी पुरानी छाप के साथ 'खिलाड़ी 786' में लौट आए हैं। फिल्म के प्रोमोज देखकर ही अंदाजा हो जाता है कि यह एक कॉमेडी फिल्म है इसलिए हमें भी फिल्म में कॉमेडी की तलाश थी, जो पूरी भी हुई।

फिल्म की कहानी है, मनसुख यानी हिमेश रेशामिया की, जो अपने पिता मनोज जोशी के साथ मिलकर शादी कराने का बिजनेस करते हैं, पर अपने पिता की तरह हिमेश इस काम में इतने काबिल नहीं हैं, जिसकी वजह से उन्हें उनके पिता घर से बाहर निकाल देते हैं।

अब हिमेश अपने पिता को दिखाना चाहते हैं कि वह नकारे नहीं हैं और यह साबित करने के लिए वह जिम्मा उठाते हैं, एक नामी गुंडे की बहन की शादी कराने का। फिल्म में इस गुंडे का किरदार निभा रहे हैं, मिथुन चक्रवर्ती और उनकी बहन बनी हैं आसिन।

शादी के लिए 72 सिंह यानी अक्षय कुमार से बेहतर और कौन हो सकता है। फिल्म में अक्षय के पिता बने हैं, 70 सिंह यानी राज बब्बर, मुकेश ऋषि चाचा बने हैं, जिनका नाम है 71 सिंह।

वैसे, फिल्म की कहानी में कोई खास नयापन नहीं है। फिल्म देखकर आपको कभी 'रेडी' तो कभी 'वेलकम' की याद आ सकती है। शुरू के 10 मिनट का बिना मतलब एक्शन देख मुझे लगा कि बॉलीवुड फिल्मों में अब साउथ का एक्शन बंद हो जाना चाहिए, लेकिन उसके बाद शुरू हुआ हंसी का सिलसिला, जो अंत तक जारी रहा।

फिल्म में एक्शन भी जबरदस्त है और म्यूजिक कमाल का है, जो पहले ही हिट हो चुका है। अक्षय कुमार के पास कुछ नया करने को तो नहीं था, पर जिसमें वह माहिर हैं वह उन्होंने फिल्म में बड़ी ही खूबसूरती से किया। आसिन भी अपने किरदार में ठीक हैं। मिथुन की बेहतरीन परफॉर्मेंस है। साथ ही मैं यह कहना भी नहीं भूलूंगा कि हिमेश अपनी हर फिल्म के साथ बतौर एक्टर खुद को निखार रहे हैं।

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अंत में अगर मैं संजय मिश्रा और राहुल सिंह का जिक्र न करूं तो यह गलत होगा, जिन्होंने अपने−अपने किरदार और अभिनय से दर्शकों को खूब हंसाया। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि अगर आपको सिर्फ मनोरंजन चाहिए तो 'खिलाड़ी 786' आपके मतलब की फिल्म है। फिल्म को 3 स्टार्स।