अब फ़िल्में बनाना मेरे बस की बात नहीं : मेहुल कुमार

मुंबई:

बॉलीवुड के जाने-माने निर्माता निर्देशक मेहुल कुमार ने अब फिल्म बनाने को लेकर अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। मेहुल कुमार ने हमसे बात करते हुए साफ़ कहा कि अब मैं फिल्म बनाना नहीं चाहता, क्योंकि यह मेरे बस की बात नहीं।

मेहुल कुमार ने अमिताभ बच्चन के साथ फ़िल्म 'कोहराम' और 'मृत्युदाता', राजकुमार के साथ 'जंगबाज़' और 'तिरंगा', नाना पाटेकर की 'क्रांतिवीर' जैसी कई बड़ी फिल्में बड़े से बड़े सितारों के साथ बनाई हैं, मगर अब वह फिल्म बनाना छोड़ गुजराती और मराठी धारावाहिक बनाते हैं। अपने व्यवसाय को आगे बढ़ने के लिए मल्टीप्लेक्स खोल दिए हैं।

जब हमने मेहुल कुमार से फिल्म छोड़ने की वजह पूछी तो उन्होंने सबसे पहले कॉरपोरेट हाउसेस को ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि आज सितारे कॉरपोरेट के साथ काम करना चाहते हैं, क्योंकि वे बहुत ज़्यादा पैसे देते हैं। ज़्यादा फिल्में फ्लॉप होती हैं, फिर भी उन पर असर नहीं पड़ता, क्योंकि पब्लिक का पैसा है।

यह बात भी सही है कि आज के वक्त में करण जौहर और साजिद नाडियावाला जैसे इक्का-दुक्का ही निर्माता बचे हैं, बाकी सब कॉरपोरेट हो चुका है और करण जौहर जैसे निर्माता भी इसलिए चल रहे हैं क्योंकि किसी बड़े स्टार से उनकी दोस्ती है, जिसके साथ एक बड़ी फ़िल्म बनाते हैं और 3 छोटे सितारों के साथ और सभी फिल्मों का सौदा कॉरपोरेट हाउस के साथ हो जाता है। मेहुल कुमार का मानना है कि आजकल सितारों की जी-हुज़ूरी बहुत बढ़ गई है और ज़्यादा तर निर्माता ऐसे ही काम चला रहे हैं। यहां तक कि अब स्टार्स के पास पहुंचने के लिए महीनों लगते हैं, क्योंकि उनके बिज़नेस मैनेजर महीनों-महीनों टहलाते हैं और दर्जनों ई-मेल मंगवाते हैं।

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मेहुल कुमार की बात से इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह सच भी है कि कॉर्पोरेट हाउस के आने से ऐसे दर्जनों बड़े निर्माताओं की दुकानें बंद हो गई हैं।