यह ख़बर 20 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

बेसिर-पैर की फिल्म है 'चलो ड्राइवर'

बेसिर-पैर की फिल्म है 'चलो ड्राइवर'

खास बातें

  • फिल्म के एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, स्क्रीनप्ले राइटर, स्टोरी राइटर, डायलॉग राइटर, यहां तक कि गीतकार भी विक्रांत महाजन हैं। इनके अलावा फिल्म में 'रागिनी एमएमएस' की हीरोइन काइनाज मोतीवाला भी हैं।
मुंबई:

फिल्म 'चलो ड्राइवर' के एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, स्क्रीनप्ले राइटर, स्टोरी राइटर, डायलॉग राइटर, यहां तक कि गीतकार भी विक्रांत महाजन हैं। इनके अलावा फिल्म में 'रागिनी एमएमएस' की हीरोइन काइनाज मोतीवाला भी हैं।

खूबसूरत तान्या को एडवेंचर ट्रैवल कंपनी खोलने के लिए पैसे की सख्त जरूरत है। इसके लिए ब्यूटी क्वीन जैसी यह लड़की मॉडलिंग नहीं करती, बल्कि अमीर, नकचढ़े और जिद्दी बिजनेसमैन अर्जुन की ड्राइवर बनने का चैलेंज ले लेती है।

अब इस लेडी ड्राइवर का पेमेंट सुनिए। हर महीने 50 हजार रुपये, साथ में पर्क्स और अलाउंस। उधर, अर्जुन को ड्राइवर भी चाहिए, तो एमबीए या ग्रैजुएट। भला क्यों….क्या उसे ड्राइवर के साथ कोई बिजनेस प्लान करना है...

खैर कुछ ही दिनों में तान्या अपने बॉस अर्जुन के घमंड से तंग आ जाती है और अर्जुन के सामने अच्छा ड्राइवर बनने का चैलेंज रख देती है। अब इस चैलेंज को पूरा करने के लिए अर्जुन अपना वर्ल्ड क्लास बिजनेस एक तरफ रखकर ड्राइवरी में लग जाता है।

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काइनाज और मनोज पाहवा की ठीकठाक एक्टिंग को छोड़ दें, तो 'चलो ड्राइवर; एकदम बेसिर-पैर की फिल्म है। शायद इस फिल्म के पूरा होने से पहले ही आप अपने ड्राइवर से कह दें कि चलो ड्राइवर। फिल्म के लिए रेटिंग है-1 स्टार।