यह ख़बर 28 अप्रैल, 2013 को प्रकाशित हुई थी

'तीसरी कसम' को लेकर बिहार सरकार विवादों में

खास बातें

  • बिहार सरकार ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार के लिए पंचायतों में 'तीसरी कसम' दिखा रही है। फिल्म के निर्माता शैलेंद्र के बेटे ने बिना मंजूरी फिल्म दिखाने को लेकर सरकार को लपेटे में लिया है।
नई दिल्ली:

बिहार सरकार ने ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार और लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए राजकपूर और वहीदा रहमान अभिनीत फिल्म 'तीसरी कसम' का उपयोग करने से जुड़े विवाद का जल्द हल निकालने की उम्मीद व्यक्त करते हुए कहा कि इस विषय पर फिल्म निर्माता शैलेंद्र के पुत्र से जल्द ही बात की जाएगी।

बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री बृषण पटेल ने बताया कि राज्य में ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं के प्रचार के लिए फणीश्वर नाथ रेणु लिखित पुस्तक 'मारे गए गुलफाम' पर आधारित फिल्म 'तीसरी कसम' का उपयोग किया जा रहा है। हमारा मकसद लोगों में जागरूकता फैलाना है।

उन्होंने कहा कि इस फिल्म के उपयोग पर शैलेंद्रजी के पुत्र दिनेश शैलेंद्र ने एक पत्र भेजा है और इसी पत्र से जानकारी मिली कि फिल्म के निर्माता शैलेंद्र बिहार के मूल निवासी थे। यह अच्छी बात है कि जो बात अंधेरे में थी, वह सामने आ गई। दिनेश ने कुछ आपत्ति जताई है, हम उसका स्वागत करते हैं और हम इस विषय को जल्द ही सुलझा लेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने दिनेश शैलेंद्र से संपर्क किया है, मंत्री ने कहा, अभी बातचीत नहीं हुई है, लेकिन जल्द ही उनसे बातचीत कर इस मामले का समधान निकाल लिया जाएगा। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने फिल्म के 16 एमएम प्रिंट को खरीदा था और उसे इसे दिखाने का अधिकार है। प्रिंट पुराने पड़ने और खराब होने के मद्देनजर इसे डिजिटल प्रारूप में पेश किया गया।

बिहार सरकार ने ग्रामीण विकास की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने और इसका प्रचार करने के लिए 5 मार्च से एक अभियान शुरू किया है, जिसके तहत 38 जिलों के 2000 पंचायतों में 'तीसरी कसम' फिल्म दिखाई जा रही है। शैलेंद्र के पुत्र दिनेश शैलेंद्र ने बिना इजाजत लिए फिल्म प्रदर्शित करने पर आपत्ति व्यक्त करते हुए राज्य के मुख्य सचिव के अलावा केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी को पत्र लिखा है।

दिनेश शैलेंद्र ने पत्र में लिखा, मेरे पिता भोजपुर जिले के मूल निवासी रहे हैं और बिना इजाजत लिए इस तरह से फिल्म का प्रदर्शन अन्यायपूर्ण है। इसके लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए। यह पहली घटना नहीं है, जब 'तीसरी कसम' विवादों में आई है।

दिनेश ने कहा कि कुछ वर्ष पहले सैन फ्रांसिस्को में रहने वाले उनके भाई मनोज ने बताया कि वहां 'तीसरी कसम' फिल्म की डीवीडी में अभिनेता राजकपूर और वहीदा रहमान का नाम तो दर्ज है, लेकिन फिल्म निर्माता के रूप में उनके पिता का नाम नहीं, बल्कि किसी अज्ञात व्यक्ति का नाम है। फिल्म के निर्देशक के रूप में भी बासु भट्टाचार्य का नाम नहीं है।

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दिनेश ने कहा कि यह अत्यंत दुखद है, 'तीसरी कसम' उनके पिता के दिल के काफी करीब थी। दिनेश शैलेंद्र की आपत्तियों के बाद इस फिल्म का प्रदर्शन कुछ समय के लिए रोक दिया गया है। बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री नितिश मिश्रा ने कहा कि यह योजना वास्तव में राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने शुरू किया है, जिसमें इस फिल्म के माध्यम से ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। उनके मंत्रालय का इस योजना से कोई सीधा वास्ता नहीं है। 'तीसरी कसम' का प्रदर्शन ऑडियो-वीडियो सचल वैन के माध्यम से किया जा रहा है और अब तक 650 पंचायतों में इसका प्रदर्शन किया जा चुका है।