खास बातें
- साल की शुरुआत में 'मेन अगेंस्ट रेप एंड डिस्क्रिमीनेशन' अभियान शुरू करने वाले अभिनेता-फिल्म निर्माता फरहान अख्तर मानते हैं कि फास्ट ट्रैक कोर्ट को अपनी अवधारणा के अनुसार दुष्कर्म पीड़ितों को तेजी से न्याय देना चाहिए।
मुंबई: साल की शुरुआत में 'मेन अगेंस्ट रेप एंड डिस्क्रिमीनेशन' अभियान शुरू करने वाले अभिनेता-फिल्म निर्माता फरहान अख्तर मानते हैं कि फास्ट ट्रैक कोर्ट को अपनी अवधारणा के अनुसार दुष्कर्म पीड़ितों को तेजी से न्याय देना चाहिए।
वे मानते हैं कि महिलाओं के विरुद्ध तेजी से बढ़ रहे अपराधों के खतरनाक परिणाम हो सकते हैं।
बुधवार को 39 वर्षीय फरहान ने कहा, "मैं महसूस करता हूं कि फास्टट्रैक की जो अवधारणा है वह उतने प्रभाव में नहीं आ सकी है, अगर ऐसा हो जाए तो इससे काफी सकारात्मक फर्क पड़ेगा।"
मुंबई में हाल में फोटो पत्रकार से हुए दुष्कर्म पर फरहान ने कहा, "अभी सजा की दर बहुत कम है और उसकी वजह न्यायिक प्रक्रिया की धीमी चाल है।"
फरहान ने कहा, "मेरे ख्याल से एक अपराधी के दिमाग में डर का एक अंश होना बहुत जरूरी है। यहां कानून का सम्मान होना चाहिए, यह भी डर होना चाहिए कि 'मैं पकड़ा जाऊंगा'।"
मध्य मुंबई में पिछले सप्ताह एक सुनसान कपड़ा मिल परिसर में 22 वर्षीय फोटो पत्रकार से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। उसके सहकर्मी को पिटाई के बाद बंधक बना लिया गया था।