खास बातें
- ओम पुरी को 200 से अधिक फिल्मों में काम करने के बाद भी लगता है कि उनके जैसे कलकारों के लिए भूमिका की कमी है।
New Delhi: हिन्दी सिनेमा में अपने द्वारा निभाए गए विविधतापूर्ण किरदारों से चर्चित अभिनेता ओम पुरी उन्हें मिल रहे किरदारों से संतुष्ट नहीं हैं और 200 से भी अधिक फिल्मों में काम करने के बाद भी उन्हें लगता है कि उनके जैसे कलकारों के लिए भूमिका की कमी है। दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके 60 वर्षीय पुरी ने कहा, दमदार किरदारों की रचना अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान जैसे सुपरस्टारों के लिए की जाती है और हम जैसे अभिनेताओं को सिर्फ सामान्य किरदारों तक ही सीमित रखा जाता है। उन्होंने कहा कि वह फिल्मों में मुख्य भूमिकाएं निभाना चाहते हैं। 'आक्रोश' और 'अर्धसत्य' जैसी फिल्मों से शुरुआत में ही अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके पुरी का मानना है कि हिन्दी सिनेमा जगत सिनेमा निर्माण के विविध आयामों से अछूता है और आज भी नाच-गान से भरपूर मसाला फिल्में ही बना रहा है। पुरी का कहना है कि इसी कारण उनके जैसे कलाकारों के लिए विकल्प काफी सीमित हैं। हालांकि पुरी कहते हैं कि आज भी हिन्दी सिनेमा जगत में विशाल भारद्वाज, राजकुमार हिरानी और फरहान अख्तर जैसे कुछ प्रतिभावान निर्देशक मौजूद हैं, जिनके साथ वह काम करना चाहते हैं।