एंग्री इंडियन गॉडेसिज़ का रिव्यू : मिले हैं 3.5 स्टार्स

एंग्री इंडियन गॉडेसिज़ का रिव्यू : मिले हैं 3.5 स्टार्स

फिल्म की अदाकाराएं

मुंबई:

एंग्री इंडियन गॉडेसिज़ रिलीज़ हुई है इस शुक्रवार, इसे लिखा और इसका निर्देशन किया है पैन नलिन ने और इसमें एंग्री इंडियन गॉडेसिज़ हैं सैरा जेन डाएस, तनिष्ठा चैटर्जी, अनुष्का मनचंदा, संध्या मृदुल, अमृत मघेरा, राजश्री देशपांडे, पवलीन गुजराल और साथ में हैं आदिल हुसैन।

हिन्दुस्तान में महिलाओं की व्यथा दर्शाती है
ये फ़िल्म हिन्दुस्तान में महिलाओं की व्यथा दर्शाती है, फ़िल्म के किरदारों के ज़रिये दिखाया गया है कि उन्हें समाज में किस किस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और समाज की उस पर क्या प्रतिक्रिया रहती है। यहां कहानी उन महिलाओं की है जो ख़ासतौर पर शहरी वर्ग से आती हैं। इस फ़िल्म का नाम अंग्रेजी ज़रूर है पर दिल देसी है इसलिए अंग्रेजी फ़िल्म समझ कर इससे किनारा न करें और इसे ज़रूर देखें।

तो सबसे पहले ख़ामियों की बात
अब बात ख़ूबीयों और ख़ामियों की, तो सबसे पहले ख़ामियों की बात। इस फ़िल्म के कुछ लम्हे फ़िल्म के लिए ज़रूरी हैं पर इनकी वजह से फ़िल्म कुछ लोगों की धीमी लग सकती है और दर्शक फ़िल्म के पहले हिस्से में ख़ुद को दिशाहीन महसूस कर सकते हैं लेकिन दूसरी तरफ़ आप फ़िल्म में रुचि भी नहीं खोते, वैसे ये दर्शकों पर निर्भर करेगा क्योंकि हर एक की अपनी पसंद होती है, एक और ख़ामी है और वो है फ़िल्म के क्लाइमेक्स में ख़ासतौर पर अन्त की ओर फ़िल्म एक वक्त के बाद खिंचने लगती है और थोड़ा बोरिंग हो जाती है। मैं फ़िल्म के अन्त में जो स्पीच हैं उनकी ओर इशारा कर रहा हूं।

और अब बात ख़ूबियों की
तो ये थी ख़ामियां और अब बात ख़ूबियों की। पहली बात ये कि मैं फ़िल्म से ख़ासा प्रभावित हुआ, इस फ़िल्म का ट्रीटमेंट वास्तविक है और फ़िल्म कहीं भी अपने सुर से नहीं भटकती, फ़िल्म के डॉयलाग, सीन या धटनाएं कहीं भी ठूसे हुई नहीं लगते, फ़िल्म की कास्टिंग एक दम दुरुस्त है और सभी ने अपने किरदार कुशलतापूर्वक निभाएं हैं, पैन नलिन का डॉयरेक्शन सराहनीय है, फिल्म में इम्प्रोवाइज़ेशन का इस्तेमाल उन्होंने बखूबी किया है।

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कहानी कहने का तरीका अच्छा है
फिल्म का नैरेटिव यानी कहानी कहने का तरीका अच्छा है, सबसे अच्छी बात ये कि फ़िल्म में गाने हैं, पर उनका ट्रीटमेंट और जिस तरह से उन्हें फ़िल्म में शामिल किया गया है वो काबिल-ए-तारीफ़ है। अन्त में यही कहूंगा कि ये फ़िल्म मुझे अच्छी लगी पर हो सकता है कि कुछ दर्शकों को इसमें मनोरंजन की कमी लगे। पर मेरे नज़रीये से ये फ़िल्म आपको देखनी चाहिए और मैं दूंगा इसे 3.5 स्टार्स