यह ख़बर 25 जुलाई, 2014 को प्रकाशित हुई थी

रिव्यू : दर्शकों का एंटरटेनमेंट करने में कामयाब है 'किक'

मुंबई:

इस हफ्ते रिलीज हुई है उस स्टार की फिल्म जिसका नाम सुनते ही दर्शकों को 'किक' मिल जाती है। सही पहचाना, यहां बात हो रही है सलमान खान और उनकी फिल्म 'किक' की, जो रीमेक है तेलूगु में बनी फिल्म का, जिसका नाम भी 'किक' ही था। साथ ही साथ सलमान के किरदार की तुलना आप अंग्रेजी फिल्मों के रॉबिनहुड से भी कर सकते हैं।

'किक' को हिन्दी में बनाया है साजिद नाडियावाला ने और फिल्म में सलमान के साथ हैं, जैकलिन फर्नांडिस, रणदीप हुड्डा, नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, सौरभ शुक्ला, विपिन शर्मा, अचर्ना पूरण सिंह और मिथुन चक्रवर्ती।

'किक' कहानी है, देवीलाल की, जो हर काम 'किक' के लिए करता है यानी हर वह काम जिसे करके उसे मजा आए और देवीलाल के किरदार में यहां हैं, सलमान खान, जिसे शाइना यानी जैकलिन से इश्क हो जाता है, पर शाइना को पसंद नहीं है कि देवीलाल 'किक' ना मिलने की वजह से हर नौकरी छोड़ दे, क्योंकि वह देवीलाल से शादी करके अपना घर बसाना चाहती है।

शाइना के पिता जिसका किरदार निभाया है सौरभ शुक्ला ने, उन्हें भी देवीलाल को अपना दामाद बनाने में थोड़ा एतराज है। इन्हीं सब की वजह से दोनों के रिश्ते में खटास आ जाती है और देवीलाल डेविल बन जाता है।

क्या है ये गुत्थी जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी, नहीं तो सलमान के फैंस मुझसे नाराज़ हो जाएंगे कि मैंने सारी कहानी ही बता दी। मैं आपको ये बता सकता हूं कि मुझे यह फिल्म कैसी लगी।

तो सबसे पहले 'किक' के ही डायलॉग की तर्ज में सलमान की फिल्म दिल में आती है, पर समझ में नहीं, पर 'किक' समझ भी आती है। मुझे जो शिकायत है, फिल्म से वह यह कि फिल्म अपने सुर बदलती है। कभी कॉमेडी, कभी सीरियस…तो कभी स्टंट्स। फिल्म का ग्राफ और सलमान का किरदार इतना जल्दी बदलता है कि थोड़ा झटका लगता है।

फिल्म का काफी हिस्सा हंसी-मजाक और परिचय में ही निकल जाता है पर फिर भी यह आपको खलता नहीं है। फिल्म में बहुत मसाला है और अच्छे पल भी, पर थोड़ा वॉव फैक्टर मिसिंग है। फिल्म में खूबियां भी काफी हैं, मसलन फिल्म की एडीटिंग और स्क्रीनप्ले बहुत कसा हुआ है और कहानी भी ठीक है। पहली फिल्म के हिसाब से साजिद का निर्देशन भी काबिले-तारीफ है। रजत अरोरा के डायलॉग्स और सलमान की अदायगी दर्शकों को सीटियां और तालियां मारने पर मज़बूर कर देंगी और साथ में नवाज़ुद्दीन के अभिनय पर भी आप फिदा हुए बिना नहीं रह पाएंगे। रणदीप हुड्डा भी अपने अभिनय का छाप छोड़ते हैं। जैकलिन भी स्क्रीन पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराती हैं।

सबसे अच्छी बात यह है कि सलमान खान अपने काम में डूबे और ऊर्जा से भरपूर नज़र आए या कह लें वह बहुत फ्रेश नजर आते हैं। साथ ही साथ सलमान की आवाज में गाया हुआ गाना हैंगओवर आकर्षित भी करता है।

कुछ लोग इस फिल्म की 'धूम' सीरीज से भी तुलना करेंगे, पर इस बात में कोई शक नहीं है कि 'किक' 'जय हो' से कहीं बेहतर फिल्म है। दर्शकों को इस फिल्म से सलमान स्टाइल मनोरंजन की उम्मीद होगी और वह उन्हें मिलेगा भी।

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मेरे नजरिये से 'किक' एक देखने लायक फिल्म है। यूं तो सलमान की फिल्मों को स्टार्स की जरूरत नहीं होती पर फिर भी मेरी तरफ से इसे 3 स्टार।