निरूपा राय का वह 'रोल' कैसे फ्लोरिडा में सच साबित हुआ, ऋषि बोले- अब हंसना बंद करो

निरूपा राय का वह 'रोल' कैसे फ्लोरिडा में सच साबित हुआ, ऋषि बोले- अब हंसना बंद करो

नई दिल्ली:

अखबार में छपी एक खबर आपको 1977 में आई 'अमर अकबर एंथोनी' की याद दिला देगी। दरअसल, फ्लोरिडा में एक 70 साल की औरत घर में ही गिरती है और सिर टकराने की वजह से उसकी आंखों की रोशनी वापस आ जाती है। वह 20 साल से बिना आंखों के जीवन व्यतीत कर रही थी। वहां के लोग इस घटना को चमत्कार कह रहे हैं।

अरे ये तो चमत्कार है...
अक्सर, बॉलीवुड की कहानियां आपको सोचने को मजबूर करती हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है, लेकिन कई बार कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं, जो बॉलीवुड की कहानियों को दोहराती-सी दिखती हैं और आप कह उठते हैं, अरे ये तो चमत्कार है।

बॉलीवुड में ऐसा क्यों नहीं हो सकता
'अमर अकबर एंथोनी' में निरूपा राय तीन बेटों की मां होती हैं, जो उनसे बिछड़ जाते हैं। सालों बिना आंखों के जीवन व्यतीत करने के बाद अचानक उनकी आंखें वापस आ जाती है। भई फ्लोरिडा में ऐसा हो सकता है, तो बॉलीवुड में क्यों नहीं।

अब कोई हंस नहीं सकता
मनमोहन देसाई की फिल्म को लेकर अब कोई हंस नहीं सकता जिसमें बिना किसी डॉक्टर और इलाज के सालों बाद निरूपा राय को आंखों की रोशनी अचानक वापस मिल जाती है। इस खबर के बाद साफ हो गया है कि फिल्मों में जो असंभव दिखता है, वह जीवन में संभव हो सकता है।

ऋषि कपूर के ट्वीट
इसे लेकर बॉलीवुड अभिनेता ऋषि कपूर ने ट्वीट किया है। ऋषि ने 'अमर अकबर एंथोनी' में अकबर का किरदार निभाया था। ऋषि ने लिखा कि निरूपा राय की कहानी को आप यूं खारिज नहीं कर सकते। इसके साथ ऋषि ने वह आर्टिकल पेस्ट किया है।


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