ज़्यादा वेट वाले जुड़वा बच्चे को हो सकता है टाइप-2 डायबिटीज़ का खतरा

ज़्यादा वेट वाले जुड़वा बच्चे को हो सकता है टाइप-2 डायबिटीज़ का खतरा

लंदन:

कई बार जब हम जुड़वा बच्चों को देखते हैं, तो खुद ही कंफ्यूज़ हो जाते हैं कि किसका नाम क्या है। एक जैसे दिखाई देने वाले जुड़वा बच्चे, जिनका बॉडी मांस इंडेक्स (बीएमआई) ज़्यादा होता है, उन्हें दिल का दौरा या मृत्यु का खतरा ज़्यादा नहीं होता। लेकिन हां, उन्हें टाइप-2 डायबिटीज़ का खतरा ज़रूर रहता है।

एक अध्ययन से मिली जानकारी के मुताबिक शोधकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने करीब 4,046 मोनोजाइगोटिक जुड़वा बच्चों के स्वास्थ्य आकड़ों की तुलना शरीर के कई स्तरों के वसा से की, जिसे बॉडी मांस इंडेक्स से मापा गया। आनुवंशिक रूप से समान जुड़वा संतानों में (जिनके बीएमआई अलग था) शोधकर्ताओं को मोटापे और स्वास्थ्य के खतरों की (जो आनुवंशिक कारकों से स्वतंत्र हैं) तुलना करने का मौका मिला।

औसतन 12.5 साल की उम्र के बाद जुड़वा बच्चों के अंतर की तुलना की गई (यह समय वह है, जब बच्चे के साथ मृत्यु दर, दिल का दौरा और टाइप-2 डायबिटीज़ की घटना होती है)। अध्ययन में पता चला कि ज़्यादा बीएमआई वाले जुड़वा संतानों में मृत्युदर और दिल का दौरा पड़ने की तुलना में उनके विपरीत पलते जुड़वा की तुलना में कम था।

अध्ययन में शामिल करीब 65 जुड़वा बच्चों में पाया गया कि अधिक बीएमआई वाले जुड़वा बच्चे में मृत्यु या दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक नहीं है। यूमिया विश्वविद्यालय के सामुदायिक चिकित्सा और पुर्नवास विभाग के शोधकर्ता पीटर नॉर्डस्ट्राम ने कहा कि “परिणाम से पता चला है कि जीवन शैली में बदलाव के साथ मोटापे में कमी की वजह से मृत्यु और दिल के दौरे पर कोई असर नहीं पड़ता। यह मोटापे से जुड़ी हुई परंपरागत समझ की वजह से है”।

यह अध्ययन ‘जामा इंटरनल मेडिसीन’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है, जिसमें कहा गया है कि ज़्यादा बीएमआई से टाइप-2 डायबिटीज़ के होने का खतरा बढ़ जाता है।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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