संसद भवन की सुरक्षा में लगे 100 सीसीटीवी कैमरा खराब

नई दिल्ली:

संसद भवन की सुरक्षा में लगे हुए 350 सीसीटीवी कैमरा में से 100 काम नहीं कर रहे हैं और वहां पोस्टेड पार्लियामेंट ड्यूटी गार्ड्स को फायरिंग प्रैक्टिस की जरूरत है। गेट पर लगे हुए स्कैनर 12 साल पुराने हो चुके हैं।

ये सब बातें उस रिपोर्ट में लिखी गई है जो स्पीकर को सौंपी गई है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "हम चाहते हैं कि जहां-जहां खामियां हैं वह जल्द से जल्द दूर की जाएं।"

अभी लोकसभा और राज्यसभा की सुरक्षा का जिम्मा अलग-अलग विभागों के पास है। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी भी यही चाहते हैं कि दोनों सदनों की सुरक्षा की यूनीफाइड कमांड हो।

गाड़ियों के स्कैनर भी 2003 में खरीदे गए थे जो अब काफी पुराने हो गए हैं और इन्हें भी बदले जाने की बात कही जा रही है।

एनडीटीवी इंडिया के पास इस रिपोर्ट का ब्लूप्रिंट है। उसमें लिखा है कि
- सभी गेट्स पर अतिरिक्त क्विक रिएक्शन टीम्स तैनात की जाए
- ऑब्जरवेशन टावर्स की संख्या बड़ाई जाये
- बुलेट प्रूफ जैकेट्स नई खरीदी जाए

अभी तक सिर्फ सांसद ही संसद में गाड़ी में आते जाते थे, लेकिन अब भारत सरकार के सचिव स्तर के अफसर भी सरकारी गाड़ी से आ जा सकते हैं।

फिलहाल दिल्ली पुलिस, सीआरपीएफ और पार्लियामेंट सेक्युरिटी के गार्ड संसद की सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार है।

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इस रिपोर्ट के मुताबिक इन तीनों में बेहतर तालमेल के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। यही नहीं, काफी ज्यादा इस्तेमाल के कारण संसद के इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम यानी (ISS) भी कमजोर हो गया है। करीब 12 साल पहले लगे ISS के कई सॉफ्टवेयर और मशीनें पुरानी हो चुकी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो एक दिन सिस्टम फेल होने पर ISS पूरी तरह से ठप्प हो जाएगा और इसके काफी गंभीर परिणाम हो सकते हैं।