यह ख़बर 08 जनवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

पाक सैनिकों ने फिर लांघी सीमा, दो जवान हुए शहीद

खास बातें

  • पाकिस्तानी सैनिक युद्धविराम का उल्लंघन कर मंगलवार को भारतीय सीमा में घुस आए और जम्मू एवं कश्मीर के पुंछ जिले स्थित नियंत्रण रेखा (एलओसी) के निकट एक चौकी पर तैनात दो भारतीय जवानों की गला रेतकर हत्या कर दी तथा एक के शव को क्षत-विक्षत कर दिया।
जम्मू/नई दिल्ली:

पाकिस्तानी सैनिक युद्धविराम का उल्लंघन कर मंगलवार को भारतीय सीमा में घुस आए और जम्मू एवं कश्मीर के पुंछ जिले स्थित नियंत्रण रेखा (एलओसी) के निकट एक चौकी पर तैनात दो भारतीय जवानों की गला रेतकर हत्या कर दी तथा एक के शव को क्षत-विक्षत कर दिया। केंद्र सरकार ने इस कार्रवाई को भड़काने वाला करार देते हुए इसकी निंदा की है।

इस हमले में 29 बलूच रेजीमेंट के शामिल होने का अंदेशा है। पाकिस्तानी सैनिक घने कोहरे का फायदा उठाते हुए सीमा पर लगे कंटीले तारों को काटकर समीवर्ती पुंछ जिले के सोना गली इलाके में बनी भारतीय चौकी पर पहुंच गए।

इस कार्रवाई को भड़काने वाला करार देते हुए केंद्र सरकार ने इसकी निंदा की है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कर की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि दोनों देशों के सैन्य अभियान के महानिदेशक (डीजीएमओ) इसे लेकर बातचीत कर रहे हैं।

कहा गया है कि सरकार इस मुद्दे को पाकिस्तान सरकार के समक्ष रखेगी। सरकार ने उम्मीद जताई है कि इस्लामाबाद युद्धविराम समझौते का सम्मान करेगा।

इससे पहले रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि यह घटना पूर्वाह्न् 11.30 बजे हुई। पाकिस्तानी सैनिकों ने दो भरतीय जवानों की हत्या कर दी और उनमें से एक के शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। उन्होंने कहा, "जवान के शव के साथ की गई क्रूरता की हम कड़ा निंदा करते हैं।"

पाकिस्तान ने दो भारतीय जवानों की हत्या की जिम्मेदारी लेने से इनकार किया है लेकिन भारतीय अधिकारियों ने इसे झूठ करार देते हुए उसके दावे को खारिज कर दिया।

इस बीच, लेफ्टिनेंट जनरल केडी पटनायक ने घटनास्थल का दौरा किया और सेना को 'सतर्क तथा शांत' रहने को कहा। उन्होंने घोषणा की कि उपयुक्त समय पर समुचित कदम उठाया जाएगा।

पुंछ के उपायुक्त एके साहू ने बताया कि पाकिस्तानी सैनिकों ने चौकी पर तैनात दो जवानों की गला रेतकर हत्या कर दी तथा तीसरे को घायल कर दिया।

सेना के सूत्रों ने कहा कि छापेमारी करने आए पाकिस्तानी सैनिक शहीद हुए भारतीय जवानों के हथियार भी उठा ले गए। शहीद हुए सुधाकर सिंह और हेमराज 13वीं राजपुताना राइफल्स से संबद्ध थे।

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानियों को जब भारतीय चौकी कंटीले घेरे के बिल्कुल करीब दिखी तो वे वहां पहुंच गए।

सेना ने घुसपैठ रोकने के लिए नियंत्रण रेखा से लगते भारतीय क्षेत्र में त्रिस्तरीय बाड़बंदी कराई है। भारतीय क्षेत्र में दो किलोमीटर तक लगभग 500 मीटर चौड़ी बाड़बंदी कराई गई है। लेकिन घुसपैठियों ने घने कोहरे का फायदा उठाया। वे जंगली इलाके में लगे कंटीले बाड़ को काटकर भारत की सीमा में घुस आए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानियों के इस हमले को लेकर आधिकारिक स्तर पर कड़ा रुख अपनाया जा रहा है।

पाकिस्तानी सैनिकों के हमले की यह घटना भारत की इस अपील के तुरंत बाद सामने आई है कि पाकिस्तान यह सुनिश्चित करे कि नियंत्रण रेखा की पवित्रता हमेशा बनी रहेगी। इस घटना के बाद भारत और पकिस्तान के बीच संबंध एक बार फिर पटरी से उतरने की आशंका जताई गई है।

मंगलवार को पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने सियालकोट का दौरा किया और सेना को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष, गुप्त या प्रकट रूप से आने वाली रह चुनौती का डटकर मुकाबला करने के लिए तैयार रहने को कहा है।

उधर, भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के इस आरोप का खंडन किया कि भारतीय सैनिकों ने रामपुर क्षेत्र में नियंत्रण रेखा का अतिक्रमण या 2003 से लागू युद्धविराम का उल्लंघन किया।  

विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, "भारत नियंत्रण रेखा की पवित्रता के प्रति बचनबद्ध है।" उन्होंने इसे भारत-पाकिस्तान के बीच विश्वास बहाली के उपायों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया।

प्रवक्ता ने कहा, "हम पाकिस्तान का आह्वान करते हैं कि वह नियंत्रण रेखा की पवित्रता सुनिश्चित करे.. और अकारण गोलीबारी की ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।"

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उल्लेखनीय है कि पिछले महीने पाकिस्तानी सैनिकों ने अकारण गोलीबारी कर भारत के सीमावर्ती चुरुं डा गांव में एक घर की छत को ध्वस्त कर दिया था। जवाब में भारतीय सैनिकों ने भी गोलीबारी की थी।