यह ख़बर 29 अप्रैल, 2011 को प्रकाशित हुई थी

2जी : पांच अधिकारियों की जमानत पर सुनवाई सोमवार को

खास बातें

  • 2जी टेलीकॉम स्पेक्ट्रम मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय पांच कारपोरेट अधिकारियों की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा।
नई दिल्ली:

2जी टेलीकॉम स्पेक्ट्रम मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय पांच कारपोरेट अधिकारियों की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा। इन सभी को सह-आरोपी बनाया गया है। एक निचली अदालत ने पिछले सप्ताह उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था। इन पांच आरोपियों में स्वान टेलीकॉम के विनोद गोयनका, यूनीटेक के संजय चंद्रा तथा अनिल अंबानी समूह के तीन अधिकारी - गौतम दोषी, हरि नायर एवं सुरेंद्र पिपारा शामिल हैं। न्यायमूर्ति अजीत भरिहोक ने शुक्रवार को चंद्रा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी की दलीलें सुनी। अदालत ने हृदयरोग से पीड़ित पिपारा को उनकी पसंद के एक निजी अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति भी दी, क्योंकि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उनकी विभिन्न प्रकार की जांच के लिए पर्याप्त उपकरण उपलब्ध नहीं हैं। जेठमलानी ने कहा कि उनके मुवक्किल चंद्रा को अनावश्यक गिरफ्तार किया गया है। वरिष्ठ वकील ने कहा कि निचली अदालत को यह न्यायाधिकार नहीं है कि वह मेरे मुवक्किल को जेल में रखे, क्योंकि कानून के एक अच्छे जानकार नागरिक के रूप में  नोटिस मिलने के बाद वह अदालत के समक्ष पेश हुआ था। जेठमलानी ने कहा,  कि उनके  मुवक्किल को गलत तरीके से हिरासत में लिया गया है जो कि निचली अदालत के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल ने टेलीकॉम लाइसेंस और स्पेक्ट्रम के लिए आवेदन किया था, क्योंकि उनका उद्योग तेजी से बढ़ रहा था और इसलिए भी कि नियामक ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि किसी भी उद्योग से कोई भी इन चीजों के लिए आवेदन कर सकता है। वरिष्ठ वकील ने यह भी कहा कि उनके मुवक्किल को उन्मुक्त रहने का अधिकार है। उन्होंने अदालत से कहा कि उन्हें स्वतंत्र होकर अपना मुकदमा लड़ने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा, "मैं कहूंगा कि जांच एजेंसी ने आरोप पत्र को ठीक से नहीं समझा। जमानत देने का नियम है और उसको खारिज करना एक अपवाद है।" गौरतलब है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इन पांचों को पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए.राजा, उनके निजी सहयोगी आर.के. चंदोलिया, पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा और स्वान टेलीकॉम के प्रोमोटर शाहिद बलवा के साथ सह-आरोपी बनाया है। मामले में एक नया मोड़ तब आ गया जब जांच एजेंसी ने गत सोमवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि की बेटी कनिमोझी को भी इस मामले में सह-आरोपी बनाया, जबकि उनकी पत्नी दयालु अम्माल का नाम गवाह के तौर पर शामिल किया गया है। ज्ञात हो कि आरोप पत्र में राज्यसभा सदस्य कनिमोझी का नाम कलैगनार टीवी के शरद कुमार, सिनेयुग फिल्म्स के करीम मोरानी तथा कुसेगांव रियल्टी के आसिफ बलवा एवं राजीव बी. अग्रवाल के साथ सह-षड्यंत्रकारी के रूप में दर्ज है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में आरोपी राजा, चंदोलिया, बेहुरा, शाहिद बलवा, आसिफ बलवा, अग्रवाल, गोयनका, चंद्रा, दोषी, नायर और पिपारा न्यायिक हिरासत में हैं।


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