महाराष्ट्र में 2 जुलाई से 4000 डॉक्टरों का हड़ताल पर जाने का ऐलान

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

मुंबई:

महाराष्ट्र में 2 जुलाई से सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीज़ों को ख़ासी दिक्क़त का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) ने 2 जुलाई से हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। 12 जुलाई को एसोसिएशन के प्रतिनिधि चिकित्सा मंत्री विनोद तावड़े से मिल थे।

डॉक्टरों के मुताबिक तावड़े ने उन्हें मौखिक तरीके से उनकी मांगों को मानने का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार ने उनकी एक भी मांग नहीं मानी है. इसलिए एमएआरडी के डॉक्टरों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।

क्यों हो रहा है विरोध
चिकित्सा मंत्री विनोड तावड़े के साथ डॉक्टरों की 12 जून को बैठक हुई थी. बैठक के दस दिनों बाद मीटिंग के अहम बिन्दु जारी किए गए, उसमें भी डॉक्टरों की 10 प्रमुख मांगों में सिर्फ 4 का ही ज़िक्र किया गया।

एमएआरडी लंबे वक्त से सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने, टीबी मरीज़ों के इलाज के दौरान डॉक्टरों के बीमार होने पर पेड लीव देने जैसे कई मुद्दों पर अपनी मांग रख रहा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सागर मुंदडा का कहना है कि हमें कई बार आश्वासन दिया गया, लेकिन सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

मरीज़ों के बारे में सोचकर हमने हड़ताल टाल दी, लेकिन अब हमारा सब्र का बांध टूट चुका है। डॉक्टरों ने मांगों की अपनी फेहरिस्त में मेटरनिटी लीव से लेकर बॉन्ड सर्विस का भी ज़िक्र किया है. उनका कहना है कि अगर पीजी के एक महीने बाद बॉन्ड नहीं मिलता है तो डॉक्टरों को इस बाध्यता से आज़ाद कर देना चाहिए। बहरहाल डॉक्टरों और सरकार के बीच इस खींचतान में मरीज़ों का बेहाल होना तय है।