महावीर रावत की कलम से : इन पांच कारणों से महेंद्र सिंह धोनी का कद हुआ ऊंचा

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

कैप्टन कूल कहे जाने वाले महेन्द्र सिंह धोनी को भारत के लिए खेलते हुए 10 साल हो गए हैं। तीनों फॉर्मेट में कप्तानी करने वाले चुनिन्दा खिलाड़ियों में से वह भी एक हैं। आइए आज एक नजर डालें उन लम्हों पर, जिन्होंने रांची शहर के इस खिलाड़ी का कद क्रिकेट की दुनिया में बेहद ऊंचा कर दिया।
 
1-जोरदार एंट्री
2007 में टी-20 का पहला वर्ल्ड कप जब आयोजित हुआ तब टीम इंडिया का कोई भी सीनियर खिलाड़ी वहां नहीं गया था। सचिन तेंदुलकर के कहने पर टीम इंडिया की कप्तानी युवा महेन्द्र सिंह धोनी को दी गई। युवाओं से भरी इस टीम की किसी ने भी इस फॉर्मेट में कामयाब होने की उम्मीद नहीं की थी मगर अनहोनी को होनी बनाया महेन्द्र सिंह धोनी ने। भारत को माही ने कैसे चैंपियन बनाया, यह पूरी दुनिया ने देखा। फिर न तो टी20 फॉर्मेट ने पीछे मुड़कर देखा और न ही महेन्द्र सिंह धोनी ने।
 
2. बदली विकेट-कीपर की परिभाषा
भारतीय क्रिकेट में महेन्द्र सिंह धोनी ने विकेटकीपर बल्लेबाज की परिभाषा ही बदल कर रख दी। उन्होंने बताया कि विकेट कीपर का काम सिर्फ स्टंप्स के पीछे नहीं, बल्कि उनके आगे भी उतना ही अहम है। टेस्ट हों, वन-डे हों या फिर टी20, कई मौकों पर धोनी ने अपने बल्ले से मैच का रुख मोड़ दिया। टेस्ट मैचों में किसी भारतीय विकेट कीपर द्वारा सबसे तेज शतक के अलावा टेस्ट में दोहरा शतक जमाने वाले वह इकलौते भारतीय विकेटकीपर हैं। लेकिन, वनडे क्रिकेट में मैच जिताने की उनकी काबीलियत का हर कोई कायल हो गया। हारे मैच को कैसे जिताया जाता है, यह धोनी जानते हैं। धोनी वनडे में भारत के ही नहीं, दुनिया के बेस्ट फिनिशर कहलाने लगे।
 
3. सबसे कामयाब वनडे कप्तान
टेस्ट मैचों में भले ही धोनी की कप्तानी पर सवाल उठाए जा सकते हैं, लेकिन वनडे में भारत का सबसे सफल कप्तान कौन है, इस पर कोई विवाद नहीं। पिछले सितंबर में माही ने वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा जीत दर्ज करने का पूर्व कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया था। धोनी ने अभी तक 93 वनडे मुकाबलों में जीत हासिल की है। इतना ही नहीं, वनडे हों, टेस्ट हों या टी 20, हर फॉर्मेट में भारत को सबसे जीत दिलाने का रिकॉर्ड धोनी के नाम ही है। हालांकि पूर्व कप्तानों से आप धोनी की तुलना कर सकते हैं, लेकिन आंकड़ों की बात करें तो धोनी सबको पीछे छोड़ देते हैं। वनडे विश्व कप हो, चैंपियंस ट्रॉफी हो, या टी20 विश्वकप हो, खेल के इतिहास में वह इकलौते कप्तान हैं, जो ये तीनों खिताब अपने नाम कर पाए हैं।
 
4. टेस्ट में भी बने बेस्ट
रंगीन कपड़ों की कामयाबी को धोनी ने सफेद कपड़ों में भी दोहराया। 6 दिसंबर 2009 को जब भारत टेस्ट क्रिकेट में नंबर 1 की कुर्सी पर काबिज हुआ तो भारत के कप्तान धोनी ही थे। धोनी की कप्तानी में सहवाग, हरभजन और गंभीर जैसे खिलाड़ी अपने चरम पर थे और टीम टेस्ट में भी बेस्ट बन गई थी।
 
5.विश्व-विजेता कप्तान
धोनी की कप्तानी को हमेशा के लिए यादगार बना गया एक खास लम्हा। 28 साल बाद भारत को वनडे जिताकर टीम इंडिया ने क्रिकेट में अपनी बादशाहत कायम की। धोनी ने जिस तरीके से पूरे विश्व कप में सीनियर खिलाड़ियों की कप्तानी की, वह क्रिकेट में सबके लिए एक सबक था। फैंस के दिलों के साथ-साथ महेन्द्र सिंह धोनी क्रिकेट की दुनिया में भी हमेशा के लिए अपना नाम लिखवा चुके थे।


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