सातवां वेतन आयोग : गजट नोटिफिकेशन की 7 जरूरी बातें

सातवां वेतन आयोग : गजट नोटिफिकेशन की 7 जरूरी बातें

सातवें वेतन आयोग पर गजट नोटिफिकेशन जारी

खास बातें

  • विवाद के बाद से सभी को इससे जुड़े नोटिफिकेशन के जारी होने का इंतजार था
  • न्यूनतम वेतन 18000 रुपये प्रतिमाह फिलहाल लागू किया गया है
  • एमएसीपी के तहत बदलाव के सुझाव को सरकार ने स्वीकार कर लिया है
नई दिल्ली:

सातवां वेतन आयोग लागू तो कैबिनेट की बैठक में इसकी मंजूरी के साथ 29 जून को ही हो गया था। लेकिन कुछ मुद्दों पर उठे विवाद के बाद से सभी को इससे जुड़े नोटिफिकेशन के जारी होने का इंतजार था। इस नोटिफिकेशन में केंद्र सरकार के समूह क, ख और ग के सिविल कर्मचारियों और अखिल भारतीय सेवाओं के कार्मिकों से संबंधित वेतन के बारे में सरकार के निर्णय इस प्रकार हैं।

  1. सरकार ने 01.01.2016 ले न्यूनतम वेतन 18000 रुपये प्रतिमाह को स्वीकार किया है। बता दें कि इस मुद्दे पर कर्मचारी संगठनों के विरोध के बाद सरकार ने बातचीत के लिए एक समिति के गठन का लिखित आश्वासन दिया है। चार माह में इस समिति की रिपोर्ट आएगी जिसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
  2. सरकार ने नोटिफिकेशन के साथ यह साफ कर दिया है कि वेतन आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों के उलट किसी कर्मचारी को वेतन में कटौती का सामना नहीं करना पड़ेगा। लेकिन जिन कर्मचारियों का प्रदर्शन एमएसीपी के लिए निर्धारित मानक या पहले 20 सालों की सेवा के दौरान नियमित प्रमोशन के लिए अपेक्षित नहीं पाया जाएगा तो ऐसे कर्मचारियों की वार्षिक इंक्रीमेंट को रोक देने संबंधित सिफारिश को 'स्‍वीकार' कर लिया गया है। नोटिफिकेशन में साफ कहा गया है कि सरकार ने पदावनति से संबंधित सिफारिश स्वीकार नहीं की है और इसीलिए, पदावनति पर वेतन निर्धारण का कोई अवसर मौजूद नहीं है।
  3. सभी सीधी भर्ती से आए कर्मचारियों को वर्तमान न्यूनतम वेतनमान के हिसाब से वेतनमान देय होगा।
  4. संशोधित निश्‍चित पदोन्‍नति यानी एमएसीपी के तहत बदलाव के सुझाव को सरकार ने स्वीकार कर लिया है। वेतन आयोग की रिपोर्ट में इस बार यह नया नियम सालाना वेतन वृद्धि को लेकर बनाया गया है। इस नियम को संशोधित निश्‍चित पदोन्‍नति यानी एमएसीपी ने तहत निर्धारित किया गया है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में एमएसीपी के तहत कामकाज के नियम कड़े करने का सुझाव है। अब केंद्रीय कर्मचारियों के कामकाज को  ‘अच्‍छा’ से बढ़ाकर ‘बहुत अच्‍छा’ तय करने के आयोग के सुझाव को केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन में स्वीकार कर लिया है।
  5. आयोग ने यह सिफारिश भी थी कि वार्षिक वेतन वृद्धि उन कर्मचारियों को नहीं दी जाए जो एमएसीपी की शर्तों के अनुरूप काम करने में सक्षम नहीं हैं या अपने सेवा काल के पहले 20 वर्षों के दौरान नियमित पदोन्‍नति के योग्‍य नहीं पाए गए हैं। सरकार ने इसे भी स्वीकार कर लिया है।
  6. महंगाई भत्ते की गणना को लेकर गजट नोटिफिकेशन में यह साफ कर दिया गया है कि यह मौजूदा फॉर्मूला और कार्यप्रणाली के तहत ही होगा। फिलहाल सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि यह भत्ता भी 1 जनवरी 2016 से देय होगा। यह भी वेतनमान के साथ दिया जाएगा।
  7. विद्यमान 01 जुलाई की तारीख के बजाए वेतन वृद्धि दिए जाने की दो तारीखें होंगी जो प्रत्येक वर्ष की 1 जनवरी और 1 जुलाई हैं; शर्त यह है कि नियुक्ति, पदोन्नति अथवा वित्तीय उन्नयन  स्वीकृत किए जाने की तारीख के आधार पर कोई कर्मचारी इन दो तारीखों में से केवल किसी एक तारीख पर वार्षिक वेतनवृद्धि का लाभ ले सकेगा।

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