नई दिल्ली: मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में 500 और 1000 नोटों को मंगलवार की आधी रात से अमान्य घोषित कर दिया. PM के इस कदम के पीछे सबसे बड़ी वजह थी कालाधन के ऊपर लगाम लगाना. प्रधानमंत्री की इस घोषणा के बाद देश भर में मोटे तौर पर समर्थन का माहौल बना. कई लोगों को दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा. सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को झेलनी जो देहाती इलाकों में रहते हैं, जहां बैंक या पोस्ट ऑफिस की सुविधा नहीं है या लोगों को सही जानकारी नहीं है.
लेकिन बुधवार एक ओला ड्राइवर विपिन कुमार ने ऐसा काम कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट करना पड़ा. विप्लव अरोरा नाम के एक शख्स ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, ''आज मैंने स्टेशन जाने के लिए एक ओला कैब बुक की. दुर्भाग्य से मेरे वॉलेट में सभी 500 के नोट थे. हालांकि मुझे 500 और 1000 नोटों के बैन के बारे में जानकारी थी, सो मैंने ओला मनी से पेमेंट करने का निर्णय लिया लेकिन मेरे ओला अकाउंट में जितने पैसे थे वह मेरे बिल से कम था, बाकी के पैसे मुझे नकद देने थे. मुझे पता था कि कोई एटीएम काम नहीं कर रहा है और यह भी जानता था कि ऐसे में कोई 500 रुपये का खुला नहीं देगा. लेकिन ड्राइवर ने जो जवाब दिया वो न सिर्फ उसके लिए मेरे मन में आदर का भाव पैदा करने वाला था बल्कि मैं ये पोस्ट उन्हीं के लिए लिख रहा हूं.
ड्राइवर ने कहा ''सर बाकी के पैसे रहने दीजिए, दो पैसे कम कमा लेंगे, थोड़ी सी तकलीफ होगी और वो तो सब को हो रही है. अब सरकार के फैसले का सम्मान करते हुए देश की तरक्की में यह हमारा योगदान ही समझ लेंगे. आप बेफिक्र होकर अपनी ट्रेन लीजिए. विप्लव ने अपने फेसबुक पर लिखा ड्राइवर को सैलूट करता हूं और इसने प्रधानमंत्री मोदी की उस बात को सही साबित कर दिया जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश का आम आदमी राष्ट्र हित में हमेशा कठिनाई का सामना करने के लिए तैयार रहता है.
विप्लव अरोरा के इस फेसबुक पोस्ट को लोगों ने काफी पसंद किया. फिर क्या था केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने भी इस पोस्ट को अपने ट्विटर पेज पर शेयर कर दिया. अब बारी थी खुद प्रधानमंत्री की, PM नरेंद्र मोदी ने पियूष गोयल के ट्वीट को रिट्वीट किया. पियूष गोयल ने अपने ट्विटर पोस्ट में लिखा कि यह एक दिल को छूने वाली बात है, जहां एक कैब ड्राइवर देश में ब्लैक मनी और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना योगदान दे रहा है.
इस स्टोरी की गहराई तक जाने के लिए हमने विप्लव अरोरा को उनके फेसबुक के जरिए संदेश भेजा. उनके कांटेक्ट नंबर के साथ-साथ ड्राइवर का कांटेक्ट नंबर भी मांगा लेकिन यह स्टोरी लिखी जाने तक हमें कोई जवाब नहीं मिल पाया.