यह ख़बर 19 जनवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

'आप' का छापा : प्राथमिकी में भारती का नाम नहीं

नई दिल्ली:

दिल्ली में अफ्रीकी महिलाओं के कमरे पर आधी रात को एक समूह द्वारा छापेमारी के सिलसिले में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। हालांकि प्राथमिकी में इस विवाद के केंद्र में रहे दिल्ली के कानूनमंत्री सोमनाथ भारती का नाम नहीं है।

इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने इस सिलसिले में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए थे। मामले की सुनवाई करते हुए मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट चेतना सिंह ने निर्देश दिए कि दक्षिण दिल्ली में पिछले हफ्ते हुई घटना के वीडियो फुटेज को विदेशी नागरिकों को पहचान करने के लिए दिखाया जाएगा। मजिस्ट्रेट ने कहा कि विदेशी नागरिक, जिनकी पहचान करेंगे उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

टीवी फुटेज में दिखाया गया था कि भारती पुलिस अधिकारियों से छापेमारी करने को कह रहे हैं और उनसे कह रहे हैं कि उन्हें इलाके में नशीले पदार्थों की तस्करी और वेश्यावृत्ति गिरोह के काम करने की शिकायत मिली है। वहीं महिलाओं ने अपनी शिकायत में कहा कि समूह ने उनके घर में घुसकर उन पर हमला किया।

महिलाओं के वकील राकेश सहरावत ने कहा कि मंत्री और उनके सहयोगी घटना में संलिप्त थे। उन्होंने कहा कि महिलाएं वीडियो फुटेज और अखबारों की क्लिपिंग के माध्यम से उनकी पहचान कर सकती हैं।

इस मामले के बारे में पूछने पर सोमनाथ भारती ने कहा, 'पूरे मामले की वहां मौजूद टीवी कैमरे में रिकार्डिंग की गई होगी। मेरा मानना है कि हमारे किसी भी कार्यकर्ता ने वहां किसी पर हमला नहीं किया या किसी से कुछ कहा।' भारती ने कहा, 'हमारी पिटाई की गई और हमसे र्दुव्‍यवहार हुआ। हमने किसी से दुर्व्‍यवहार नहीं किया।'

इससे पूर्व दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सोमनाथ का बचाव करते हुए कहा था कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है।

गौरतलब है कि सोमनाथ भारती की ओर से खिड़की एक्सटेंशन में की गई छापेमारी की कार्रवाई में युगांडा की चार महिलाओं ने शिकायत की थी कि मंत्री अपने समर्थकों और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर उन्हें जबरन सरकारी अस्पताल में ले गए और वहां उनका मेडिकल टेस्ट कराया।

महिलाओं की ओर से पैरवी करने वाले हरीश साल्वे ने बताया था कि मंत्री ने एक महिला को शौचालय तक नहीं जाने दिया और उसे सबके सामने पेशाब करने का मजबूर किया।

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इन महिलाओं पर किए गए परीक्षण में ड्रग्स की मात्रा नहीं मिली थी। महिलाओं ने आरोप लगाया है कि मंत्री और उनके साथ मौजूद लोगों ने न केवल उनके साथियों के साथ मारपीट की और उन्हें जबरदस्ती गाड़ी में घुमाते रहे।