13 साल बाद पकड़ा गया 2002 गुजरात बम विस्फोट का आरोपी

प्रतीकात्मक तस्वीर

अहमदाबाद:

गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने सोमवार को उस व्यक्ति को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया, जिसने गोधरा दंगे के बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुए पांच बम विस्फोटों में मुख्य भूमिका निभाई थी।
 
एटीएस की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मोहम्मद इरफान कुरैशी पिछले 13 सालों से फरार था और उसे मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के एक गांव से वहां मौजूद होने की एक गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया गया।
 
इसमें कहा गया है कि कुरैशी की आयु 40 से 50 साल के बीच है। उसने कथित तौर पर 2002 में हुए कई विस्फोटों में मुख्य भूमिका निभाई थी, जिसमें तीन व्यक्तियों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।
 
एटीएस के अनुसार, कुरैशी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले का रहने वाला है। वह अहमदाबाद से करीब 125 किलोमीटर दूर गोधरा में बस गया था। वह वहां कालीन बेचकर आजीविका चलाता था।
 
2002 के दंगों के बाद वह यूसुफ घीताली नाम के एक व्यक्ति के सम्पर्क में आया और कथित तौर पर गोधरा में ट्रेन अग्निकांड के बाद भड़के सांप्रदायिक दंगों में मुस्लिमों की हत्या का बदला लेने के लिए कई बम लगाने की एक योजना बनाई थी।
 
एटीएस ने कहा कि वह मथुरा गया और वहां से बम बनाने में इस्तेमाल होने वाली कई सामग्री कालीन में लपेटकर गोधरा भेजी। गोधरा लौटने के बाद उसने बम बनाने के अन्य आरोपियों को प्रशिक्षण दिया।
 
एटीएस ने कहा कि कुरैशी एवं अन्य ने पांच स्थानों पर बम लगाए और उनमें विस्फोट किया, जिसमें से एक गोधरा में एक बस के भीतर, एक गोधरा के पास मेहलोल में खड़े स्कूटर में, एक पास के लुनावाडा नगर में वेस्पा स्कूटर में, एक पंचमहल जिले के देलोल गांव में मोटरसाइकिल में और पांचवां खेड़ा जिले के थसरा गांव में एक बस के भीतर लगाया गया था।
 
एजेंसी ने कहा कि विस्फोट के बाद कुरैशी उत्तर प्रदेश के अपने गृह नगर भाग गया, जबकि 12 अन्य पकड़े गए। भागते समय गिरफ्तारी से बचने के लिए वह भारत के कई हिस्सों में रहा।
 
शहडोल से मिली खबर के अनुसार, स्थानीय पुलिस थाने के निरीक्षक राजेश मिश्र ने बताया कि कुरैशी वहां पर पिछले तीन सालों से रह रहा था और वह अपनी आजीविका चादर और कंबल बेचकर चलाता था।


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