यह ख़बर 20 अक्टूबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

कमजोर व अनिर्णायक हैं प्रधानमंत्री : आडवाणी

खास बातें

  • आडवाणी ने एक बार फिर मनमोहन सिंह को 'कमजोर व अनिर्णायक' प्रधानमंत्री बताते हुए कहा कि वह कांग्रेस आलाकमान की सहमति के बिना एक भी फैसला नहीं ले सकते।
गुवाहाटी:

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने गुरुवार को एक बार फिर मनमोहन सिंह को 'कमजोर व अनिर्णायक' प्रधानमंत्री बताते हुए कहा कि वह कांग्रेस आलाकमान की सहमति के बिना एक भी फैसला नहीं ले सकते। गुवाहाटी में एक रैली को सम्बोधित करते हुए आडवाणी ने कहा, "मेरा कहना है कि कठोर शब्दों के प्रयोग से प्रधानमंत्री मुझ पर नाराज हो जाते हैं। यह कहना कि वह कमजोर प्रधानमंत्री हैं, मुझे नहीं लगता कि मैंने किसी कठोर भाषा का प्रयोग किया। वह वास्तव में एक कमजोर मंत्री, एक अनिर्णायक प्रधानमंत्री हैं जो हर चीज के लिए 10 जनपथ (कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का आधिकारिक आवास) की सहमति लेते हैं।" आडवाणी अपनी जनचेतना यात्रा के क्रम में गुवाहाटी पहुंचे। इससे पूर्व दिन में वह अरुणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर में थे जहां उन्होंने एक जनसभा को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा, "विश्व में कहीं भी प्रधानमंत्री के कहे शब्द अंतिम शब्द होते हैं और उनके लिखे शब्दों पर विरोध रुक जाता है लेकिन भारत में, 7, रेसकोर्स पर विरोध नहीं रुकता, बल्कि 10, जनपथ पर जाकर रुकता है।" भाजपा नेता ने स्विस बैंक में छुपे काले धन वापस लाने में विफल रहने के लिए भी केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, "मैं अपनी यात्रा को मिल रहे जनसमर्थन से अभिभूत हूं। इस यात्रा के दो उद्देश्य हैं, भ्रष्टाचार से लड़ना और इसके प्रति लोगों में जागृति लाना तथा केंद्र पर स्विस बैंक से काले धन स्वदेश लाने के लिए दबाव बनाना।" भाजपा नेता ने यह कहते हुए स्थानीय मुद्दों को भी छुआ कि हाल के ढाका दौरे के दौरान भारत और बांग्लादेश के बीच भूमि की अदला-बदली के समझौते पर प्रधानमंत्री द्वारा हस्ताक्षर किए जाना अलोकतांत्रिक था। आडवाणी ने कहा, "संसद की स्वीकृति के बिना एक प्रधानमंत्री किसी अन्य देश को भूमि दिए जाने पर अपनी सहमति कैसे दे सकता है? हम असम के लोगों के साथ हैं और मैं चाहता हूं कि आप अपनी भूमि के लिए लड़ें तथा उसे बांग्लादेश को सौंपने की अनुमति कभी मत दें।" उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री को अपने ऊपर लगातार शाब्दिक प्रहार नागवार गुजरा था। बुधवार को दक्षिण अफ्रीका से लौटते समय मनमोहन सिंह ने संवाददाताओं से कहा था, "मैं अपेक्षा करता हूं कि वह (आडवाणी) संयमित भाषा का प्रयोग करेंगे। मैं समझता हूं कि राजनीति में कठोर शब्दों के प्रयोग से बचें, यही बेहतर है।"


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