पीएम की 'रद्द रैली' ने बनारस में खिलाड़ियों का दिल तोड़ा, क्रिकेट मैदान कहीं का नहीं छोड़ा

पीएम की 'रद्द रैली' ने बनारस में खिलाड़ियों का दिल तोड़ा, क्रिकेट मैदान कहीं का नहीं छोड़ा

वाराणसी:

'हम लोग प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं। इतने गड्ढ़े हो गए हैं कि पैर चले जाए तो पैर मुड जाए, टूट जाए। कीलें इतनी बड़ी-बड़ी हैं। ग्राउंड में जगह-जगह ईंटें बिछा दी गई हैं। प्रैक्टिस करने की जगह ही नहीं है, हम लोग बहुत परेशान हैं। काफी दिन से डिस्टर्ब रहा, अब हो गया तो अभी इतना ज़्यादा पत्थर और गड्ढ़े हो गए हैं कि दौड़ें तो गड्ढ़े आ जाते हैं। हो नहीं पा रहा है, बहुत अफ़सोस हो रहा है।'

ये दर्द उन खिलाड़ियों और मॉर्निंग वॉक करने वाले ग्रुप का है। जो बनारस के डीएलडब्लू स्टेडियम के मैदान में अपनी प्रैक्टिस और टहलने के लिए आया करते हैं। इनके इस मैदान की ये दुर्दशा कैसे हुई।  किसने बिछाए इनके मैदान में कील? किसने किए इनके मैदान में ये गड्ढ़े? इसे समझने के लिए आपको चलना पडेगा प्रधानमंत्री की 16 जुलाई की उस सभा में जहां की मोदी जी की सभा के लिए पॉवर ग्रिड ने बड़ी तैयारी की थी।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री का ये दूसरा दौरा था, पहला दौरा बारिश की वजह से रद्द हो गया था।  लिहाजा इस बार बहुत बड़ी तैयारी की गई थी। बारिश के पानी से बचाने के लिए ईंटों की सोलिंग की गई थी। आधे मैदान को बालू से पाट दिया गया था और वाटर प्रूफ पंडाल बनाने के लिए जगह-जगह गड्ढ़े खोदे गए। साथ ही इन पंडालों की फर्श को प्लाई से बनाया गया था। जिससे अगर बारिश भी हो जाए तो उसका पानी किसी को छू भी न पाए। पर मौसम से लड़ने की ये सारी तैयारी बेकार साबित हुई। बारिश ऐसी हुई कि उसने सब कुछ धो डाला। प्रधानमंत्री तो नहीं आए पर उनकी तैयारी में बने पंडाल ने अपने पीछे जो कुछ छोड़ा उससे खिलाड़ी और मॉर्निंग वॉक करने वाले बहुत परेशान हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बनारस में सभा को रद्द हुए तक़रीबन दो हफ्ते हो गए। इन दो हफ़्तों से प्रधानमंत्री के रद्द हुए दौरे पर कितना खर्च हुआ और जनता के पैसे की कितनी बर्बादी हुई, इस पर बनारस में बहस जारी है। पर असल में नुकसान तो उन खिलाड़ियों का हुआ, जिनके स्टेडियम में ये सभा रखी गई थी। आज पूरे स्टेडियम के मैदान में जगह-जगह गड्ढ़े हैं। कील पड़ी हैं और उनकी क्रिकेट पिच को ट्रैक्टरों के पहियों ने खेतों में तब्दील कर दिया है, जिससे खिलाड़ी बहुत हताश हैं।

इस स्टेडियम के ग्राउंड में रेलवे बनाम गुजरात के मैच का लगा क्रिकेट स्कोर बोर्ड बताता है कि इस मैदान पर क्रिकेट के कितने बड़े-बड़े मैच होते रहे हैं। यही नहीं इस स्टेडियम में क्रिकेट की जो पिच थी वो देश की नम्बर एक पिचों में से एक थी। पर आज ये खिलाड़ी अपनी पिच की दुर्दशा देख बेहद हताश हैं, क्योंकि वो चाहकर भी इसे नहीं बचा पाए।

कोच इश्तियाक अहमद बताते हैं, 'ये पिच नेशनल लेवल की थी और यहां पर बोर्ड के कई मैच हो चुके हैं। मैच से पहले पिच क्यूरेटर आए थे और यहां की जो पिच देखते थे, वो बीसीसीआई के पिच क्यूरेटर रह चुके हैं उन्होंने बताया था कि उत्तर प्रदेश की सबसे अच्छी पिच थी और ये बहुत अच्छा ग्राउंड था। लेकिन आज देख सकते हैं कि क्या हाल गया हो गया है। इसमें देख सकते हैं ट्रैक्टर चले हुए हैं ऐसा लग रहा कि अब ये पिच नहीं रह गई है अब ये किसी खेत से कम नहीं।' यही हाल पूरे मैदान का है। इस मैदान के अलावा प्रधानमंत्री के हेलीकॉप्टर को उतारने के लिए जिस मैदान में हेलीपैड बनाया गया था उसका भी यही हाल है।

आज उनकी सभा को रद्द हुए 10 दिन गुजर गए, पर इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं। प्रधानमंत्री को लाना था तो पावरग्रिड मौसम से लड़ने को तैयार था पर अब वही पॉवर ग्रिड जिस मैदान को ख़राब कर गया, उसे उस ताक़त से नहीं देख रहा।

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लिहाजा अब मैदान को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई कांग्रेस धरना प्रदर्शन कर चुकी है। और मैदान लेने वालों के खिलाफ एफआईआर की मांग कर रही है। इन मांगों में तो राजनीति का अपना खेल है। पर असल में तो बच्चों का खेल खराब हुआ है। उनके लिए इस मैदान को जल्द ठीक करना चाहिए।