यह ख़बर 19 जून, 2014 को प्रकाशित हुई थी

देश की सभी भाषाओं के प्रोत्साहन को प्रतिबद्ध : राजनाथ सिंह

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

सरकार ने गुरुवार को अपने उस निर्देश पर सफाई दी, जिसमें ट्विटर और फेसबुक सहित विभिन्न सोशल नेटवर्किंग साइटों पर आधिकारिक एकाउंट में हिन्दी को तरजीह देने के लिए कहा गया था। सरकार ने कहा कि वह देश की सभी भाषाओं को प्रोत्साहित करेगी।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने आधिकारिक एकाउंट पर ट्वीट किया, 'गृह मंत्रालय का मानना है कि सभी भारतीय भाषाएं महत्वपूर्ण हैं। मंत्रालय देश की सभी भाषाओं के प्रोत्साहन के लिए प्रतिबद्ध है।'

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि राजनाथ सिंह ने उन मीडिया खबरों पर संज्ञान लिया, जिनमें कहा गया था कि सरकार ने सरकारी कामकाज में हिन्दी के इस्तेमाल का निर्देश दिया है।

द्रमुक प्रमुख एम करूणानिधि की आलोचना के बाद राजनाथ की टिप्पणी आयी है। करुणानिधि ने अधिकारियों को सोशल मीडिया पर हिन्दी को तरजीह देने संबंधी कथित निर्देश के लिए राजग सरकार पर हमला बोला था।

गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग ने एक कार्यालय ज्ञापन 27 मई को जारी किया था। इसमें सभी मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और बैंकों के अधिकारियों तथा कर्मचारियों द्वारा सोशल मीडिया पर बनाए गए आधिकारिक खातों में राजभाषा हिन्दी को प्रमुखता से इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है।

निदेशक श्रराजभाषा) अवधेश कुमार मिश्र ने इस कार्यालय ज्ञापन में कहा था, '..भारत सरकार के सभी मंत्रालयों, विभागों, संबद्ध कार्यालयों, अधीनस्थ कार्यालयों, उपक्रमों, निगमों और बैंकों और उनके अधिकारियों तथा कर्मचारियों द्वारा ट्विटर, फेसबुक, ब्लॉग, गूगल, यूट्यूब आदि जैसे सामाजिक माध्यमों पर बनाए गए आधिकारिक खातों में राजभाषा हिन्दी अथवा अंग्रेजी और हिन्दी दोनों का द्विभाषी रूप में प्रयोग किया जाए, जिसमें हिन्दी को ऊपर या पहले रखा जाए।'

मिश्र द्वारा जारी एक अन्य कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है कि सालभर हिन्दी में अधिकांश कार्य करने वाले दो कर्मचारियों को प्रथम पुरस्कार स्वरूप दो दो हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। दूसरे पुरस्कार के रूप में तीन कर्मचारियों को बारह-बारह सौ रुपये और तृतीय पुरस्कार के रूप में पांच कर्मचारियों को छह छह सौ रुपये का पुरस्कार मिलेगा।

उधर, एक संबद्ध घटनाक्रम में गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजु ने आज राजभाषा विभाग के कार्यकलाप की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि केन्द्रीय हिन्दी समिति, जिसकी वार्षिक बैठक पिछले तीन साल से नहीं हुई है, उसकी बैठक तत्काल कराने हेतु आवश्यक कार्रवाई की जाए।

रिजिजु ने कहा कि वेबसाइट के जरिये आम जनता से जुड़ने के लिए वेबसाइट को रोचक बनाने एवं हिन्दी के व्यावहारिक प्रयोग के उपयोगी बनाने के उपाय किए जाएं। हिन्दी भाषी एवं देवनागरी लिपि को प्रयोग करने वाले राज्यों से भी मिलकर काम करने के लिए नई योजना बनाई जाए ताकि सभी को साथ लेकर हिन्दी के प्रयोग का सफलतापूर्वक देश भर में विस्तार दिया जा सके।

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इससे पहले द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि ने सोशल मीडिया में हिन्दी को प्राथमिकता देने के लिए राजग सरकार के कथित निर्देश का विरोध किया। उन्होंने इसे हिन्दी थोपने की शुरुआत बताया।