अपनी मनमानी चाहते थे केजरीवाल, दूसरी पार्टी बनाने की बात कही : प्रशांत भूषण

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी में मचा घमासान आज और तेज हो गया, जब योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके केजरीवाल और उनके करीबी लोगों पर गंभीर सवाल उठाए। प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि केजरीवाल उनके और योगेंद्र यादव के साथ काम नहीं करने पर इतना अड़ गए थे कि वह दिल्ली में 67 विधायकों के साथ अलग पार्टी बनाकर सरकार चलाने को तैयार थे।

प्रशांत भूषण ने पिछली कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए यह बताने की कोशिश की केजरीवाल तानाशाह की तरह बर्ताव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल पार्टी में सिर्फ अपनी चलाना चाहते थे। दोनों ने कहा कि लगातार उनके इस्तीफ़े की मांग हो रही है और अगर उनकी 5 मांगें मान ली जाएं, तो आधे घंटे में तमाम पदों से इस्तीफ़ा दे देंगे।

योगेंद्र यादव ने कहा कि बीते एक महीने में बहुत कुछ टूटा है, विश्वास टूटा है, कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने कहा, देश को 'आप' से बहुत उम्मीदें हैं, सिर्फ आप में ही आंतरिक लोकतंत्र पर चर्चा होती है... पार्टी किसी एक शख्स की नहीं, आंदोलन से खड़ी हुई पार्टी है।

योगेंद्र यादव ने कहा कि यह आंदोलन को आत्मा की बचाने की लड़ाई है। हमने मर्यादा तोड़े जाने, फंडिंग, शराब बांटने, खरीद-फरोख्त करने की पार्टी की आंतरिक लोकपाल से जांच की मांग की। ये कोई मुद्दा नहीं है कि प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव किसी समिति में रहें या न रहें।

योगेंद्र ने कहा कि पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक कौन होगा ये मुद्दा है ही नहीं, हमने कभी भी इस मुद्दे को नहीं उठाया, पार्टी के संविधान के तहत राष्ट्रीय परिषद वह जगह नहीं है, जहां पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के मुद्दे पर फैसला हो। कल की बैठक एक पड़ाव भर है।

प्रशांत भूषण ने कहा कि अरविंद की तरफ से बार-बार जोर दिया जा रहा है कि या तो ये लोग इस्तीफा दे दें या मैं (केजरीवाल) दिल्ली में अपने 67 विधायकों के साथ अलग पार्टी बना लूं। प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार के बाद केजरीवाल दिल्ली में कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाना चाहते थे, जबकि कई इसका विरोध कर रहे थे।

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