अगस्ता मामला : किस तरह ईटली के क्रिस्टियन मिशेल ने दिल्ली में अपनी धाक जमाई

अगस्ता मामला : किस तरह ईटली के क्रिस्टियन मिशेल ने दिल्ली में अपनी धाक जमाई

नई दिल्ली:

NDTV को अगस्ता डील पर ईडी की जांच के दस्तावेज़ मिले हैं जिसमें इस डील के लिए भारतीय वायुसेना के अधिकारियों और बिचौलियों के बीच साठगांठ का ज़िक्र है। दस्तावेज़ के मुताबिक़ क्रिस्टियन मिशेल, गयुडो राल्फ हश्के और कार्लो ग्यिोरसा ने अपने भारतीय सहयोगियों के ज़रिए भारतीय वायुसेना के अधिकारियों से साठगांठ की और हेलीकॉप्टर की ऊंचाई को लेकर समझौता किया गया।

हेलीकॉप्टर के लिए 6,000 मीटर की ऊंचाई रखी गई थी जिसे बाद में 4,500 मीटर कर दिया गया ताकि अगस्ता वेस्टलैंड को इस डील में शामिल किया जा सके। इसके लिए अगुस्ता वेस्टलैंड की ओर से मिशेल को 42 मिलियन यूरो मिले थे। ईडी की पूछताछ में मिशेल के भारतीय सहयोगियों ने ख़ुलासा किया है कि 2005 से 2007 के बीच उन्होंने मिशेल के लिए कई बेनामी संपत्तियां ख़रीदी और बेची हैं।

ड्राइवर का बयान
इटली के एजेंट मिशेल के ड्राइवर नारायण बहादुर ने भी पूछताछ के दौरान मालिक की खरीदी संपत्ति के पते की पुष्टि की है। साथ ही उसने यह भी माना कि दिल्ली के सफदरजंग एन्क्लेव के दो घरों और छतरपुर स्थित फार्म हाउस की देखभाल वह ही करता था। उसने बताया कि दोनों ही घरों की देखरेख में होने वाले खर्चे का बिल मीडिया एक्ज़िम प्रायवेट लिमिटेड नाम की कंपनी के नाम बनाया जाता था।

बहादुर ने बताया कि एक बार उसने मिशेल के तीन दोस्तों को साउथ दिल्ली के होटल से पिक किया था और उन्हें सैनिक फार्म्स के बंगले पर छोड़ा था। वहां इन दोस्तों का पूर्व वायु सेना प्रमुख संजीव त्यागी के चचेरे भाई ने अभिवादन किया था। इसके अलावा उसने यह भी बताया कि मिशेल अक्सर फोन पर गयुडो राल्फ हश्के और कार्लो ग्यिोरसा का नाम लिया करता था।


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