सोनागाछी में दिसंबर से मिलेगी एड्स निरोधक दवा

सोनागाछी में दिसंबर से मिलेगी एड्स निरोधक दवा

प्रतीकात्मक तस्वीर

एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट इलाकों में से एक सोनागाछी में अगले महीने से यौनकर्मियों को एचआईवी-निरोधक दवा उपलब्ध कराने के लिए एक प्रायोगिक परियोजना शुरू की जाएगी जो देश में अपने तरह की पहली पहल होगी।

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से संभाव्य परियोजना को हाल ही में मंजूरी मिल गयी और दिसंबर में इसे लागू किया जा सकता है।

नाको के राष्ट्रीय कार्यक्रम अधिकारी बी. बी. रेवारी ने बताया, ‘‘हमने हाल ही में इस परियोजना को मंजूरी दी है। यह पहली बार है कि इस तरह की परियोजना की शुरूआत भारत में की जा रही है।’’ यौन कर्मियों के कल्याण के लिए काम कर रहे एक गैर सरकारी संगठन के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना के तहत एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के साथ यौन संपर्क में आने वाली एचआईवी-निगेटिव यौनकर्मियों को ‘प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस’ (प्रीईपी) दवा नियमित रूप से दी जाएगी।

सोनागाछी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एसआरटीआई) के प्रिंसिपल समरजीत जेना ने बताया कि इस दवा को यौनकर्मियों को एचआईवी संक्रमण से बचाने के लिए बनाया गया है।

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जेना ने बताया, ‘‘हमने सोनागाछी में एचआईवी पॉजिटिव और एचआईवी-नेगेटिव यौन कर्मियों का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। हम उम्मीद करते हैं कि इस साल दिसंबर से परियोजना शुरू हो जाएगी।’’ इस परियोजना का वित्त पोषण मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन कर रहा है।'