यह ख़बर 14 अप्रैल, 2013 को प्रकाशित हुई थी

आपत्तिजनक टिप्पणी पर प्रायश्चित के लिए अजित पवार का उपवास

खास बातें

  • महाराष्ट्र में सूखे की स्थिति को लेकर ‘पेशाब’ संबंधी अपनी टिप्पणी के लिए आलोचनाओं का सामना कर रहे राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने जिले के कराड इलाके में रविवार को दिनभर का ‘आत्म-क्लेश’ (प्रायश्चित) उपवास शुरू किया है।
सतारा:

महाराष्ट्र में सूखे की स्थिति को लेकर ‘पेशाब’ संबंधी अपनी टिप्पणी के लिए आलोचनाओं का सामना कर रहे राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने जिले के कराड इलाके में रविवार को दिनभर का ‘आत्म-क्लेश’ (प्रायश्चित) उपवास शुरू किया है।

राकांपा नेता ने महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री, दिवंगत यशवंतराव चव्हाण के स्मारक पर अपना उपवास शुरू किया।

अजित के चाचा और राकांपा प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को अपने भतीजे की टिप्पणियों को अनुचित बताया था।

अजित अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए पहले ही माफी मांग चुके हैं लेकिन विपक्षी दलों शिवसेना, भाजपा और मनसे ने उनके इस्तीफे की मांग को लेकर पिछले तीन दिनों से राज्य विधायिका की कार्यवाही ठप कर रखी है।

अजित ने रविवार को कहा कि वह प्रायश्चित करने के लिए उपवास कर रहे हैं, यह कोई नाटक नहीं है।

राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने अजित के उपवास का समर्थन करते हुए रविवार को मुंबई में कहा, ‘‘उन्होंने तहे दिल से अपनी गलती स्वीकार कर ली है। वह संवदेनशील हैं, इसलिए उन्हें दर्द महसूस हुआ।’’

मलिक ने कहा, ‘‘यह मामला बंद कर देना चाहिए क्योंकि उन्होंने माफी मांग ली है।’’ लेकिन शिवेसना नेता दिवाकर राउते ने कहा कि उपवास करने की बजाय अजित पवार को इस्तीफा दे देना चाहिए।

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मनसे के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी अजित के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा, ‘‘घटना के बाद प्रायश्चित करने का कोई फायदा नहीं।’’ भाजपा नेता विनोद तावड़े ने कहा कि पवार को इस्तीफा देकर सूखा प्रभावित लोगों के लिए काम करना चाहिए।