बिहार में चुनाव के ऐलान के साथ-साथ वोटरों को लुभाने की कवायद

बिहार में चुनाव के ऐलान के साथ-साथ वोटरों को लुभाने की कवायद

बिहार में चुनाव प्रचार का फाइल फोटो

नई दिल्ली:

बिहार में चुनाव की तारीख के ऐलान के साथ ही आम वोटरों को लुभाने की कवायद तेज हो गई है। बुधवार को राज्य में विधानसभा चुनाव की तारीख के ऐलान से ठीक पहले केन्द्र और राज्य सरकार दोनों ने वोटरों को लुभाने से जुड़ीं महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।

पहले केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ऐलान किया कि केन्द्र सरकार के करीब एक करोड़ कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता 6% बढ़ा दिया गया है। फिर कुछ ही मिनटों बाद नीतीश सरकार ने भी जवाब में बिहार सरकार के सभी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता 6 % बढ़ाने का ऐलान कर दिया। यानी वोटरों को लुभाने की कवायद चुनाव की तारीखों के ऐलान के पहले आखिरी मिनट तक चलती रही।

 इससे पहले केन्द्र सरकार बिहार के बाढ़ थर्मल पॉवर प्लांट के लिए कोयले की सप्लाई का रास्ता साफ कर चुकी थी। कैबिनेट की एक अहम बैठक के बाद बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने ऐलान किया कि बिहार के बाढ़ में  एनटीपीसी के थर्मल पॉवर प्लांट को अब कोल लिंकेज के जरिए कोयले की पक्की सप्लाई की सुविधा मुहैया कराई जाएगा। इस फैसले से स्थानीय लोगों को काफी फायदा होगा।

जेडी-यू ने जवाब देने में जरा भी देरी नहीं की। पार्टी के प्रधान महासचिव के सी त्यागी ने दावा किया नीतीश कुमार कोल लिंकेज की मांग बरसों से करते रहे हैं और यह अच्छी बात है कि केन्द्र ने आखिरकार नीतीश सरकार की मांग मानी। हालांकि त्यागी ने इस अहम फैसले के ऐलान की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि यह राजनीतिक रिश्वत देने जैसा मामला है। त्यागी ने एनडीटीवी से कहा कि तारीख के ऐलान से कुछ ही मिनट पहले इस ऐलान से भले ही मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन न हुआ हो, लेकिन यह वोटरों को लुभाने की एक कोशिश है और चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए।

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बिहार में अभी तो सिर्फ बिगुल फूंका है, सियासत के मैदान में चुनावों तक अभी ऐसे ही दांव-पेंच, आरोप-प्रत्यारोप और सवाल-जवाब चलते रहेंगे।