मैं मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश के साथ हूं, था और रहूंगा : अमर सिंह

मैं मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश के साथ हूं, था और रहूंगा : अमर सिंह

फाइल फोटो

खास बातें

  • अमर सिंह ने तोड़ी चुप्‍पी
  • अखिलेश को अपना भतीजा बताया
  • रामगोपाल पर साधा निशाना
नई दिल्‍ली:

उत्तर प्रदेश में सत्‍तारूढ़ समाजवादी पार्टी के यादव परिवार में चल रही कलह में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा खलनायक के तौर पर पेश किए जाने के बाद अमर सिंह ने इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि अगर पार्टी को संकट दूर करने में मदद मिले तो खुद को 'बलिदान करने' के लिए तैयार हैं.

सिंह ने पार्टी से निष्कासित नेता रामगोपाल यादव पर 'धमकी देने' के लिए निशाना साधते हुए कहा कि अगर उन्हें कुछ होता है तो इसके लिए जिम्मेदार रामगोपाल होंगे. रामगोपाल यादव सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के चचेरे भाई हैं.

अमर सिंह ने कहा, ''मेरा बलिदान दे दीजिए. मैं तैयार हूं, अगर मेरे बलिदान से समस्या का समाधान हो सके.'' अखिलेश के बयानों को लेकर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री को उन बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए जो बातें पीठ पीछे बोलने वाले करते हैं.

उन्होंने कहा, ''मुलायम सिंह को कहने दीजिए कि मैंने कुछ अखिलेश के खिलाफ कहा है..लोगों की नई पौध मुख्यमंत्री के साथ है क्योंकि वह सत्ता में हैं. मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ नहीं, बल्कि मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश के साथ हूं, था और रहूंगा. मुलायम सिर्फ अखिलेश यादव के पिता नहीं हैं, बल्कि समाजवादी पार्टी के भी पिता हैं.'' सिंह ने कहा कि जब शिवपाल सिंह यादव के स्थान पर अखिलेश को उत्तर प्रदेश की सपा इकाई का अध्यक्ष बनाया गया तो भी उनको (अखिलेश) जिम्मेदार ठहराया गया था और अब भी ठहराया जा रहा है.

उन्होंने कहा, ''जब अखिलेश का परिवार डिंपल से शादी करने की उनकी योजना का विरोध कर रहा था तो मैं उनके साथ खड़ा हुआ, लेकिन आज मैं उनके शब्दों से आहत हूं. शादी की ऐसी कोई तस्वीर नहीं है जिसमें यह 'दलाल' मौजूद नहीं है.'' सिंह ने उस खबर को खारिज कर दिया जिसमें उनके हवाले से अखिलेश को औरंगजेब कहा गया था. उन्होंने कहा कि 'जांच' से यह मुद्दा स्पष्ट हो जाएगा.

 इससे पहले, अमर सिंह ने अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि मीडिया उनका हर जगह पीछा कर रहा है और उन्होंने कहा कि पत्रकार उन्हें 'बख्श दें.' सिंह ने कहा, ''मैं छह-सात साल तक (2010 में सपा से निकाले जाने के बाद) निर्वासन में था. आप में से कोई मुझसे मिलने नहीं आया. मैं उन दिनों को वापस चाहता हूं ताकि अपने बच्चों और पत्नी के साथ वक्त बिता सकूं. कोई तो लौटा दो मेरे वो दिन.'' अमर सिंह की इसी साल सपा में वापसी हुई.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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