यह ख़बर 18 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

अन्ना के आंदोलन पर अमर ने लगाए सवालिया निशान

खास बातें

  • अमर ने कहा कि जब तक टीम अन्ना के सदस्य शांति भूषण और प्रशांत भूषण जैसे लोग रहेंगे तब तक उनके आंदोलन पर सवालिया निशान लगा रहेगा।
लखनऊ:

एक तरफ पूरा देश अन्ना हजारे के समर्थन में उमड़ पड़ा है वहीं राष्ट्रीय लोकमंच के प्रमुख अमर सिंह ने टीम अन्ना की पाकीजगी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जब तक शांति भूषण और प्रशांत भूषण जैसे लोग हजारे के बगलगीर रहेंगे तब तक उनके आंदोलन पर प्रश्नचिन्ह लगा रहेगा। सिंह ने आज एक इफ्तार पार्टी से इतर संवाददाताओं से कहा कि हजारे सामाजिक आंदोलन के लिए तो परिपक्व व्यक्ति हैं लेकिन सियासत में सियासी हथियारों की जरूरत होती है। हजारे की जंग सड़कों पर नहीं लड़ी जा सकती, यह लड़ाई संसद में ही मुकम्मल हो सकती है। सिंह ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को मैनेज करने का बयान देने वाले टीम अन्ना के सदस्य शांति भूषण और उनके बेटे प्रशांत भूषण जैसे लोग जब तक हजारे के साथ रहेंगे तब तक उनके आंदोलन की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगा रहेगा। लोकमंच प्रमुख ने एक सवाल पर कहा, हजारे का आंदोलन निर्थक नहीं है लेकिन उस पर दाग जरूर लगा हुआ है। हजारे को अपना दामन साफ कर लेना चाहिए। हम चाहते हैं कि वह बेदाग चांद बनें। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने आजादी की लड़ाई के दौरान देश को एक राजनीतिक विकल्प दिया था, अब हजारे को भी ऐसा ही विकल्प देना होगा। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में नहीं लाया जाना चाहिये और वह इस मुद्दे पर सरकार के साथ हैं। अगर हम अपने प्रधानमंत्री पर ही शक करने लगेंगे तो देश कैसे चलेगा।


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