अमर सिंह ने आज लखनऊ में कहा कि मैं एक साथ पांच विचारधाराओं के साथ नहीं हूं.
लखनऊ: सपा में मचे घमासान के बीच अमर सिंह ने आज लखनऊ में कहा कि मैं एक साथ पांच विचारधाराओं के साथ नहीं हूं. उन्होंने कहा कि मैं चोर दरवाजे से राजनीति करने का आदी नहीं हूं. हालांकि इसके साथ ही जोड़ा कि राजनीति काफी क्रूर और निर्मम हैं. यूपी में अपने कारोबार के मसले पर जवाब देते हुए कहा कि मैंने वहां एक पैसे का व्यापार नहीं किया. इसके साथ ही कहा कि मैं अखिलेश की उन्नति में बाधक नहीं हूं. उनको यशस्वी होने का आशीर्वाद देता हूं. मैं लखनऊ इसलिए ही आया हूं कि पिता-पुत्र में मेल हो.
सपा में तख्तापलट होने और अखिलेश खेमे के पक्ष में संख्या बल होने पर बोलते हुए अमर सिंह ने कहा कि मुलायम बे-हैसियत हैं, ये सुनने की हमारी क्षमता नहीं है. साथ ही कहा कि संख्याबल से किसी की हैसियत हम नहीं समझते. हैसियत व्यक्तित्व से बनती है. हालांकि उन्होंने सवालिया लहजे में यह भी जोड़ा कि शिवपाल के दागी साथी अब अखिलेश के साथ मिलकर सफेद कैसे हो गए हैं.
उल्लेखनीय है कि सपा में मचे घमासान के बीच एक जनवरी को सपा के एक धड़े ने पार्टी से बगावत करते हुए एक अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया और अमर सिंह को पार्टी से बाहर निकाल दिया गया. मुलायम सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष से बेदखल करने के साथ ही शिवपाल यादव का पार्टी प्रदेश के अध्यक्ष का पद भी छीन लिया गया. अखिलेश खेमा पार्टी और पिता-पुत्र में झगड़े की जड़ भी अमर सिंह को ठहराता है.