यह ख़बर 15 अप्रैल, 2013 को प्रकाशित हुई थी

हाईकोर्ट के फैसले से खत्म हो गया अमेठी जिले का वजूद

खास बातें

  • 1 जुलाई 2010 को मायावती सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर रायबरेली जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों (सालोन, तिलोई और सुलतानपुर) और सुल्तानपुर जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों (अमेठी, मुसाफिरखाना और गौरीगंज) को जोड़कर छत्रपति शाहूजी महाराज नगर के नाम से एक नया जि
लखनऊ:

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के एक फैसले से अमेठी जिले का वजूद खत्म हो गया है। 1 जुलाई 2010 को मायावती सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर रायबरेली जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों (सालोन, तिलोई और सुलतानपुर) और सुल्तानपुर जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों (अमेठी, मुसाफिरखाना और गौरीगंज) को जोड़कर छत्रपति शाहूजी महाराज नगर के नाम से एक नया जिला बना दिया था। जब मुख्यमंत्री मायावती ने जिला बनाया था उस वक्त जनगणना चल रही थी और केंद्र सरकार ने नए जिले बनाने पर रोक लगा रखी थी।

सालोन विधानसभा क्षेत्र के निवासी मनोज कुमार रस्तोगी ने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। अखिलेश यादव ने सत्ता में आने के बाद छत्रपति शाहूजी महाराज नगर का नाम बदलकर अमेठी कर दिया था। आज हाई कोर्ट ने मायावती सरकार के जिले बनाने के नोटिफिकेशन को गैर-कानूनी घोषित कर जिले के गठन को रद्द कर दिया है। और ऐसे में न छत्रपति शाहूजी महाराज नगर जिला बचा और न ही अमेठी जिला।

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गौरतलब है कि अमेठी कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी का चुनाव क्षेत्र है।