यह ख़बर 10 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

सरकार से बातचीत को अब भी तैयार : अन्ना हजारे

खास बातें

  • कल जंतर-मंतर पर अनशन करने जा रहे अन्ना ने कहा है कि अगर सरकार की तरफ से उन्हें न्योता मिले, तो वह अब भी बातचीत को तैयार हैं।
रालेगण सिद्धी / नई दिल्ली:

मजबूत लोकपाल को लेकर संघर्ष कर रहे अन्ना हजारे दिल्ली पहुंच गए हैं। एनडीटीवी से बातचीत करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि अगर सरकार की तरफ से उन्हें न्योता मिले, तो वह अब भी लोकपाल बिल पर सहमति बनाने के लिए सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। अन्ना ने यह भी कहा कि कल संसद में लोकपाल पर जो स्थायी समिति की रिपोर्ट पेश की गई है, वह हमारा जनलोकपाल नहीं। साथ ही उन्होंने कहा कि हर बड़ी राजनीतिक पार्टी ने उनके मंच पर अपने विचार रखने के बुलावे पर जवाब भेजा है, हालांकि इस मंच पर कांग्रेस शायद न आए, क्योंकि एक मजबूत लोकपाल बिल को लेकर उनकी मंशा अभी साफ नहीं है। अन्ना ने चेताया है कि इस बार का विरोध पिछली बार से भी बड़े पैमाने पर होगा। उन्होंने दावा किया कि वह लंबे अनशन के लिए पूरी तरह से स्वस्थ हैं और तैयार हैं। चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि यह तो उनके चेहरे के तेज से ही जाहिर हो गया होगा। इससे पहले, दिल्ली रवाना होने से पहले हजारे ने रालेगण सिद्धी में कहा, हमारी आजादी के लिए कई शहीदों ने अपनी जान की कुर्बानी दी थी, लेकिन हम आज भी खुद को आजाद महसूस नहीं कर पा रहे हैं। आजादी किसे मिली है। आजादी क्या है। भ्रष्टाचार और लूट आज भी है। गोरे चले गए और ये काले आ गए। सिर्फ यही अंतर है। उन्होंने कहा, आजादी की दूसरी लड़ाई शुरू हो चुकी है। यह लंबी लड़ाई है और भ्रष्टाचार को मिटाने तक जारी रहेगी। बहुत लोगों को जेल जाना होगा, लाठिया खानी होंगी और कुछ को कुर्बानी देनी होगी। यह वक्त अब आ गया है। जब तक हम बलिदान नहीं देंगे, तब तक सही आजादी नहीं मिलेगी। हजारे कल पूरे दिन जंतर-मंतर पर बैठेंगे। इस दौरान उनके समर्थकों के भी बड़ी संख्या में मौजूद रहने की संभावना है। सरकार पर निशाना साधते हुए अन्ना ने कहा, यह सरकार सत्ता और पैसे के नशे में चूर है। इसके अलावा मुझे कोई और वजह दिखाई नहीं पड़ती। ये लोग भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान को भूल गए हैं। जिस तरह एक शराबी बेहोशी की हालत में हो जाता है, उसी तरह यह सरकार बेहोश हो गई है। उन्होंने कहा, यह हमारा काम है कि हम उन्हें होश में लाएं। यह सिर्फ एक दिन का अनशन है। 27 दिसंबर के बाद लंबा आंदोलन होगा। आज मैं आप लोगों को देखकर ऊर्जावान महसूस कर रहा हूं। जंतर-मंतर पर हजारे का यह दूसरा विरोध प्रदर्शन होगा। इससे पहले अप्रैल महीने में उन्होंने जंतर-मंतर पर अनशन किया था, जिससे सरकार लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए एक साझा समिति गठित करने पर विवश हुई थी। अन्ना ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि स्थायी समिति का प्रस्ताव राहुल के दबाव में ही तैयार किया गया है। उन्होंने सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर इस सत्र में मजबूत लोकपाल विधेयक पारित नहीं हुआ, तो वह 27 दिसंबर से रामलीला मैदान में अनिश्चितकालीन समय के लिए अनशन पर बैठ जाएंगे और उत्तर प्रदेश सहित उन सभी पांच राज्यों में सरकार के खिलाफ प्रचार करेंगे, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।(इनपुट भाषा से भी)


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