यह ख़बर 28 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

जश्न में डूबा देश, हर जगह उत्सव सा महौल

खास बातें

  • अन्ना हजारे द्वारा 12 दिन बाद अनशन तोड़े जाने के बाद उनके समर्थकों ने बड़ी तादाद में इकट्ठा होकर देशभर में जश्न मनाया।
नई दिल्ली:

अन्ना हजारे द्वारा 12 दिन बाद अनशन तोड़े जाने के बाद उनके समर्थकों ने बड़ी तादाद में इकट्ठा होकर इंडिया गेट पर जश्न मनाया। हजारे ने जब अप्रैल में पांच दिन का अनशन किया था तब से अब तक अनशन में तिरंगा खास तौर पर छाया रहा है। यही तिरंगा शाम छह बजे से इंडिया गेट पर भी लहराने लगा जिसे हजारे के सैकड़ों समर्थक हाथ में थामे हुए थे। इंडिया गेट पर तय समय से काफी पहले ही लोगों के जुटने का सिलसिला शुरू हो गया। इसके चलते आस-पास के मार्गों पर यातायात की रफ्तार धीमी हो गई। इंडिया गेट पर लोगों ने अन्ना हजारे जिंदाबाद और भ्रष्टाचार मुर्दाबाद के नारे लगाए। आसमान में भी मैं अन्ना हूं लिखी तिरंगी पतंगे दिखाई दीं। लोग पूरे उत्सवी माहौल में नजर आए और अपने साथ ढोल नगाड़े लेकर आए। कुछ लोगों ने बाकायदा बैंड भी किराये पर लिया और उस पर देशभक्ति के गाने बजवाए।इससे पहले, अन्ना हजारे ने रविवार सुबह दिल्ली के रामलीला मैदान में जैसे ही अपना अनशन तोड़ा वैसे ही पूरे देश में लोग खुशी से झूम उठे। दिल्ली से लेकर मुम्बई और अन्ना हजारे के गांव रालेगांव सिद्धि तक में 'अन्ना हजारे जिंदाबाद' का नारा लगाते हुए लोगों ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाचते हुए विजय जुलूस निकाला और मिठाइयां बांटीं। अन्ना के अनशन समाप्त करने के कुछ समय बाद ही मुम्बई के आजाद मैदान में अनशन पर बैठे 17 लोगों ने भी अपना अनशन समाप्त कर दिया। बारिश होने के बावजूद भी हजारों लोग आजाद मैदान में एकत्र हुए थे। अन्ना हजारे के गांव रालेगांव सिद्धि में जश्न का माहौल दिखा। 74 वर्षीय अन्ना हजारे ने जैसे ही नारियल पानी और शहद से अपना पिछले 12 दिन का अनशन तोड़ा, लोग खुशी से झूम उठे। जीत के जश्न में डूबे उत्साहित लोग कैलाश खेर के गीत 'अम्बर तक यही नाद गूंजेगा' की धुन पर थिरकने लगे। गांव के 2,000 से अधिक लोग संत यादवबाबा मंदिर परिसर में एकत्र हुए और अन्ना हजारे की लम्बी उम्र के लिए प्रार्थना की।कोलकाता में उनके समर्थकों ने जश्न मनाया। कॉलेज के छात्र देबारुण रॉय ने कहा, "अन्ना ने वह कर दिखाया जो राजनेता पिछले 65 साल में नहीं कर पाए। अन्ना की जीत देश के आम लोगों की जीत है।" पश्चिम बंगाल के अन्य हिस्सों में भी बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता और स्कूल-कॉलेज के छात्रों ने राष्ट्रीय ध्वज लेकर परेड की। उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ सहित समूचा प्रदेश जश्न में डूब गया। लखनऊ का झूलेलाल पार्क 'भारत माता की जय', 'वंदे मातरम्' और 'अन्ना हजारे जिंदाबाद' के नारों से गूंज उठा। यह पार्क पिछले 16 अगस्त से अन्ना समर्थकों के आंदोलन का केंद्र बना हुआ था। यहां अन्ना के समर्थन में पिछले 12 दिन से अनशन कर रहे राहुल वर्मा, उमेश शुक्ला, विनोद कुमार उपाध्याय, देवी दत्त पांडे और भुवन चंद्र पांडे को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर और मुस्लिम बुद्धिजीवी मारूफ मिर्जा ने जूस (फल का रस) पिलाकर उनका व्रत तोड़ा। इंडिया अगेन्स्ट करप्शन के बैनर तले बड़ी संख्या में मौजूद विभिन्न वर्गो के लोग हाथों में अन्ना हजारे की तस्वीर वाले पोस्टर और तिरंगा झंडे लेकर नाचते-गाते और नारे लगाते झूलेलाल पार्क से महात्मा गांधी की प्रतिमा तक करीब दो किलोमीटर लम्बा विजय जुलूस निकाला। इलाहाबाद, कानपुर, वाराणसी, मेरठ, गोरखपुर और रायबरेली सहित अन्य प्रमुख शहरों में भी अन्ना हजारे का अनशन टूटने के बाद जश्न का माहौल रहा। लोगों ने जुलूस निकालकर अपनी खुशी का इजहार किया। मध्य प्रदेश में भी कई शहरों में जगह-जगह मिठाई बांटी गई और लोग सड़क पर उतरकर खुशियां मनाने लगे। भोपाल के मैनिट चौराहे पर 12 दिन से अनशन पर बैठे चार लोगों ने भी अनशन खत्म कर दिया। यहां लोग तीन प्रमुख मांगे मानने को एक नई शुरुआत मान रहे हैं। इंदौर, जबलपुर तथा ग्वालियर के अलावा प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी लोग खुशियां मना रहे हैं। बिहार, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा सहित अन्य राज्यों में भी सड़कों पर उतरकर लोगों ने जश्न मनाया। गौरतलब है कि अन्ना को 16 अगस्त को उस समय हिरासत में ले लिया गया था, जब वह अनशन के लिए जयप्रकाश नारायण पार्क जा रहे थे। बाद में उन्हें गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। जेल से छूटने के बाद वह 19 अगस्त को रामलीला मैदान पहुंचे थे। अन्ना का अनशन 13 दिन तक चला है।


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