यह ख़बर 21 अप्रैल, 2011 को प्रकाशित हुई थी

हजारे ने सदस्य बनाया, हजारे ही जावब दें : भाजपा

खास बातें

  • जावडेकर ने कहा, लोकपाल विधेयक का प्रारूप तैयार करने के लिए समाज सेवी अण्णा हजारे और सरकार ने मिल कर जो संयुक्त समिति बनाई है, भाजपा उसमें नहीं है।
New Delhi:

शांति भूषण से जुड़े सीडी विवाद पर भाजपा ने कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि वह बाहर से बैठी सारे हालात देख रही है और मामला साफ होने पर अपनी राय देगी। पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा, लोकपाल विधेयक का प्रारूप तैयार करने के लिए समाज सेवी अन्ना हजारे और सरकार ने मिल कर जो संयुक्त समिति बनाई है, भाजपा उसमें नहीं है। कमेटी में समाज की ओर से सदस्यों के नाम हजारे ने सुझाए थे, हमने नहीं। इसलिए इस बारे में हजारे ही बताएंगे। शांति भूषण समिति के सह संयोजक हैं। सरकारी फॉरेन्सिक प्रयोगशाला ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, अमर सिंह और शांति भूषण के बीच कथित तौर पर हुई बातचीत वाली सीडी के बारे में कहा है कि इसके साथ छेड़ छाड़ नहीं हुई है। इस कथित वार्तालाप में एक जज को प्रभावित करने के प्रयासों के संकेत मिलते हैं। दूसरी ओर शांति भूषण ने जिस अमेरिकी कंपनी से सीडी की जांच कराई है उसका कहना है कि उसके साथ छेड़ छाड़ हुई है। सवालों के जवाब में जावडेकर ने कहा, आप की ही तरह हम भी बाहर से सारे घटनाक्रम को देख रहे हैं। हजारे के नेतृत्व वाले आंदोलनकारियों और सरकार ने आपस में मिलकर दस सदस्यीय संयुक्त समिति बनाई। भाजपा उसका हिस्सा नहीं है। समिति अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी कानून बनाएगी तो हम समर्थन करेंगे, वर्ना अपनी आलोचनात्मक राय रखेंगे। उन्होंने कहा, इस सारे विवाद के बीच एक मंसूबा साफ नजर आ रहा है कि कुछ शक्तियां भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को पटरी से उतारना चाहती हैं और इसके लिए कुछ लोगों को बदनाम करना चाहती हैं।


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