यह ख़बर 10 नवंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

अन्ना ने की नई टीम व राष्ट्रव्यापी अभियान की घोषणा

खास बातें

  • टीम अन्ना भंग होने के दो महीने बाद सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने यहां शनिवार को 13 सदस्यों वाली एक नई टीम की घोषणा की और कहा कि महात्मा गांधी की पुण्य तिथि यानी अगले वर्ष 30 जनवरी से वह भ्रष्टाचार के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करेंगे।
नई दिल्ली:

टीम अन्ना भंग होने के दो महीने बाद सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने यहां शनिवार को 13 सदस्यों वाली एक नई टीम की घोषणा की और कहा कि महात्मा गांधी की पुण्य तिथि यानी अगले वर्ष 30 जनवरी से वह भ्रष्टाचार के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करेंगे।

अन्ना ने इस खबर का खंडन भी किया कि उनकी टीम खत्म हो गई है। उन्होंने कहा, "हमारा अभियान कभी बंद नहीं हुआ, हम इसे आगे बढ़ा रहे हैं।"

अन्ना ने कहा, "हमने 13 सदस्यीय टीम का गठन किया है जो आंदोलन को आगे ले जाएगी।"

यहां के महाराष्ट्र सदन में किरण बेदी, मेधा पाटकर और टीम के कुछ पूर्व सदस्यों के साथ बैठक करने के बाद अन्ना ने अपनी नई टीम की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह उनकी टीम के सदस्य नहीं हैं, लेकिन दोनों एक-दूसरे के सम्पर्क में हैं।   

अन्ना ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, "आज (शनिवार) हमारी पुरानी टीम के 13 सदस्यों की एक बैठक थी, जो पांच घंटे से अधिक समय तक चली। जल्द ही भ्रष्टाचार के खिलाफ एक राष्ट्रीय अभियान शुरू होगा। मैं 30 जनवरी, 2013 से राष्ट्रव्यापी दौरा शुरू करूंगा।"

अन्ना ने यह भी कहा कि वह रविवार को दक्षिणी दिल्ली के सर्वोदय एनक्लेव में अपने नए कार्यालय का उद्घाटन करेंगे।

उधर, टीम अन्ना के पुराने सदस्य अरविंद केजरीवाल अब संवाददाता सम्मेलन बुलाकर नित नए खुलासे कर रहे हैं और देश के बड़े रसूखदारों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं।

अन्ना ने घोषणा की कि वह जन लोकपाल विधेयक के लिए और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) तथा राजनीति के अपराधीकरण के खिलाफ आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा, "भ्रष्टाचार और व्यवस्था परिवर्तन हमारा मुख्य मुद्दा होगा। हमारा आंदोलन कमजोर नहीं पड़ा है, यह और तेज होगा। भ्रष्टाचार बेकाबू इसलिए हो गया है, क्योंकि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) सरकार के नियंत्रण में है। भविष्य की रणनीति तय करने के लिए हमने पांच घंटे तक बैठक की। हमें देश को भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट करने की जरूरत है और व्यवस्था परिवर्तन के लिए एक क्रांति की आवश्यकता है।"

अन्ना ने यह भी कहा कि वह लोकपाल गठन के लिए केंद्र सरकार के विधेयक को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, "2014 तक हमें जन लोकपाल विधेयक चाहिए।"

सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि वह भारत में विदेशी कम्पनियों को प्रवेश करने से रोकेंगे। उन्होंने कहा, "सरकार जमीन विदेशी कम्पनियों को दे देती है और किसानों पर लाठी और गोलियां चलवाती है। भूमि अधिग्रहण पर फैसला लेने का अधिकार ग्राम सभाओं को दिया जाना चाहिए। पानी और बिजली का निजीकरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

अन्ना ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और उनकी टीम के पुराने सदस्य एन. संतोष हेगड़े व्यक्तिगत कारणों से बैठक में शामिल नहीं हो सके। उन्होंने कहा, "टीम के सदस्यों की संख्या 55 तक बढ़ाई जाएगी। उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा कि देश के विभिन्न हिस्सों में उन्हें लोगों को आंदोलन में भागीदारी के लिए किस तरह प्रेरित करना है।"

इस मौके पर बेदी ने कहा, "यह आंदोलन फिर से शुरू हो रहा है। यह आंदोलन तब तक नहीं रुकेगा, जब तक कि जांच एजेंसियां स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं हो जातीं।" उन्होंने कहा, "हम सिर्फ जन लोकपाल के लिए संगठित नहीं हुए हैं, हमें जनांदोलन की जरूरत है।"

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उल्लेखनीय है कि अन्ना ने अपने मुख्य सहयोगी अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक दल गठित करने के मुद्दे पर 19 सितम्बर को पूर्व टीम से खुद को अलग कर लिया था और राजनीतिक अभियान में उनके फोटो या नाम का इस्तेमाल न करने का निर्देश दिया था।