यह ख़बर 31 जनवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

अन्ना ने केन्द्र सरकार के जनलोकपाल विधेयक के मसौदे को नकारा

खास बातें

  • गांधीवादी और प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे ने केन्द्र सरकार के प्रस्तावित जनलोकपाल विधेयक के मसौदे को खारिज करते हुए गुरुवार को कहा कि ऐसे जनलोकपाल विधेयक के आने से कोई फायदा नहीं होने वाला है।
पटना:

गांधीवादी और प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे ने केन्द्र सरकार के प्रस्तावित जनलोकपाल विधेयक के मसौदे को खारिज करते हुए गुरुवार को कहा कि ऐसे जनलोकपाल विधेयक के आने से कोई फायदा नहीं होने वाला है।

पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसा सशक्त जनलोकपाल विधेयक लाना चाहिए, जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि जनलोकपाल को लेकर सरकार नाटक कर रही है।

उन्होंने केन्द्रीय जांच ब्यूरो को स्वयत्ता देने की मांग करते हुए कहा कि वे अपनी जनलोकपाल की लड़ाई तब तक जारी रखेंगे जब तक कि सरकार एक सशक्त जनलोकपाल विधेयक नहीं लाती। उन्होंने कहा कि फरवरी से वे देश के सभी राज्यों में जाएंगे और लोगों को संगठित कर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए जगाएंगे। उन्होंने कहा कि फरवरी में वे आंध्रप्रदेश और कर्नाटक सहित चार राज्यों का दौरा करेंगे।

उन्होंने कानून बनाने में जनता की सहभागिता करने की मांग दोहराई। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि गुजरात में एक लोकायुक्त नहीं बनाया जा सका है, ऐसे में कैसे माना जा सकता है कि उनमें भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए इच्छा है।

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अन्ना बुधवार को पटना के गांधी मैदान में जनतंत्र रैली में जनतंत्र मोर्चा के गठन की घोषणा की थी। अन्ना मंगलवार को पटना पहुंचे थे।