यह ख़बर 09 अप्रैल, 2011 को प्रकाशित हुई थी

जन प्रतिनिधियों को वापस बुलाने का हक मिले : हजारे

खास बातें

  • लोकपाल बिल की मांग पर सरकार को झुकाने के बाद अन्ना ने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने का अधिकार समेत कई अन्य विषयों को उठाया।
New Delhi:

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पांच दिनों के आमरण अनशन के बाद लोकपाल विधेयक की मांग पर सरकार को झुकाने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने का अधिकार समेत कई अन्य विषयों को उठाया। समिति के संबंध में अधिसूचना जारी होने पर जंतर-मंतर के पास खुशी से झूमते अपने कार्यकर्ताओं के बीच हजारे ने अन्य बातों के अलावा देश की चुनाव प्रणाली में व्यापक सुधार की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, जनता को जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने का अधिकार होना चाहिए। कोई जनप्रतिनिधि अगर जनता से बिना पूछे पैसा खर्च करता है, तो लोगों को उसे वापस बुलाने का अधिकार होना चाहिए। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के उपयोग को गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि मतदान में इसका उपयोग किया जाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि मतदान पत्र में उम्मीदवारों का विवरण के अलावा एक विकल्प प्रत्याशी की नापसंदी का भी होना चाहिए। लोगों को यह दर्ज कराने का अधिकार होना चाहिए कि उन्हें कोई उम्मीदवार पसंद नहीं है। हजारे ने कहा कि तमाम जवलंत प्रश्नों पर पूरे देश को जोड़ना जरूरी है और वह इस उद्देश्य से देशभर में घूम-घूमकर लोगों से मिलेंगे।


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