यह ख़बर 16 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

7 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए अन्ना

खास बातें

  • अन्ना के साथ ही उनके साथी अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया को भी हिरासत में लिया गया है।
नई दिल्ली:

दिनभर की मशक्कत के बाद दिल्ली पुलिस ने अन्ना हजारे के जमानत लेने से इनकार करने के बाद 7 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया। अन्ना को जेल नंबर-4 में रखा गया है जहां सुरेश कलमाडी बंद हैं वहीं अरविंद केजरीवाल को जेल नंबर -1 में रखा गया है जहां राजा बंद है।  दिल्ली पुलिस के कमीश्नर बीके गुप्ता ने बताया कि अन्ना ने पुलिस की शर्तों को मानने से मना कर दिया था जिसके कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया। अन्ना हजारे के प्रस्तावित अनशन से ठीक पहले दिल्ली पुलिस ने मंगलवार की सुबह हज़ारे, उनके साथी कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी को हिरासत में ले लिया। उन्हें धारा 107 और 151 के तहत गिरफ़्तार किया गया है। इसके बाद पुलिस ने अन्ना को एसीपी कोर्ट में पेश किया। उसके बाद पुलिस अन्ना को लेकर राजौरी गार्डन डीसीपी के दफ्तर में पहुंची। इस बीच अन्ना की टीम ने आंदोलन तेज़ करने का ऐलान किया है। टीम ने बुधवार को एक बड़े प्रदर्शन की योजना बनाई है। इसमें उन्होंने बड़ी संख्या में लोगों से भाग लेने की अपील की है। वहीं सरकार का कहना है कि अन्ना की ज़िद की वजह से उन्हें गिरफ़्तार करना पड़ा। जानकारी के मुताबिक हज़ारे और केजरीवाल को सुबह सात से सवा सात के बीच मयूर विहार स्थित शांति भूषण के सुप्रीम एनक्लेव स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया। जैसे ही दोनों अन्ना का अनशन शुरू होने से पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के इरादे से राजघाट जाने के लिए अपार्टमेंट से बाहर निकले, पुलिस ने उन्हें अपने वाहन में बिठा लिया। किरण बेदी को राजघाट से हिरासत में लिया गया। दिल्ली पुलिस ने तीनों को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की। पुलिस उपायुक्त (अपराध) अशोक चांद सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने आज सुबह अन्ना हजारे से मुलाकात की और उनसे जेपी पार्क में अपने प्रस्तावित अनशन पर आगे न बढ़ने का अनुरोध किया। जेपी पार्क में निषेधाज्ञा लागू है। सूत्रों के अनुसार जब अन्ना ने पुलिस अधिकारियों की बात मानने से इनकार किया तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया। हज़ारे और केजरीवाल को हिरासत में लिए जाने के समय भारी तादाद में उनके समर्थक मयूर विहार में मौजूद थे और नारेबाजी कर रहे थे। पुलिस की इस कार्रवाई पर पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण और पूर्व विधि मंत्री शांति भूषण ने सवाल उठाये हैं। किरण ने कहा, यह हिरासत असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है। वहीं, लोकपाल विधेयक संयुक्त मसौदा समिति के सह-अध्यक्ष भूषण ने कहा, हज़ारे को हिरासत में लिया जाना गैर-कानूनी है क्योंकि उन्होंने अब तक तो धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा का उल्लंघन भी नहीं किया है। हज़ारे मयूर विहार स्थित मेरे फ्लैट पर मौजूद थे जब पुलिस आयी और उन्हें ले गयी। पुलिस ने हिरासत में लिये जाने का कारण नहीं बताया। उन्होंने संकेत दिये कि इस कार्रवाई के खिलाफ वह अदालत की शरण में जायेंगे। भूषण ने समाचार चैनलों से कहा, पहले सरकार को तानाशाही कर लेने दीजिये। फिर हम अदालत का दरवाजा खटखटायेंगे। इससे पहले, कल रात जयप्रकाश नारायण पार्क से भी पुलिस ने हज़ारे के करीब 100 समर्थकों को हिरासत में लिया था।


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