यह ख़बर 13 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

नई शर्तों से अन्ना नाखुश, पीएम को लिखा खत

खास बातें

  • अन्ना ने प्रधानमंत्री को लिखी में चिट्ठी में कहा है कि पुलिस का रवैया तानाशाही भरा है और पीएम दखल देकर उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा करें।
New Delhi:

अन्ना हजारे के 16 अगस्त को होने वाले अनशन को लेकर स्थिति साफ होने की बजाय उलझती जा रही है। शुक्रवार को पुलिस ने टीम अन्ना के सामने दिल्ली के जेपी पार्क में सिर्फ 3 दिन तक अनशन करने की शर्त रखी थी। दिल्ली पुलिस ने शनिवार को फिर कुछ नई शर्तें रख दी हैं। पुलिस के मुताबिक अन्ना 18 अगस्त शाम 6 बजे तक ही अनशन करें। इस अनशन में 5 हजार से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो। इसके अलावा पार्किंग के लिए 50 बाइक और 50 कारों की ही इजाजत दी गई है। रात 10 बजे के बाद लाउड स्पीकर नहीं चलाया जा सकेगा और तो और दिन में भी लाउड स्पीकर के इस्तेमाल के लिए अलग से इजाजत लेनी होगी। हजारे पक्ष ने इस शर्त को पूरी तरह से असंवैधानिक और अस्वीकार्य बताया है। अन्ना की टीम इस फैसले से नाखुश है। दिल्ली पुलिस के इस रवैए से परेशान अन्ना ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने लिखा है कि पुलिस का रवैया तानाशाही भरा है और पीएम इस मामले में दखल देकर उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा करें। अन्ना ने कहा कि क्या प्रधानमंत्री उन्हें धरना के लिए एक जगह नहीं दे सकते। चिट्ठी में अन्ना ने लिखा ने कि 15 जुलाई को उन्होंने अनशन के लिए जगह मांगी थी। इसके बाद से वह इसके लिए जगह-जगह दौड़ रहे हैं, लेकिन जब उन्हें जगह दी भी गई तो सिर्फ तीन दिन के लिए। 16 अगस्त से शुरू हो रहे अन्ना के अनशन के बारे में अमेरिका ने भी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया न्यूलैंड ने कहा है कि अमेरिका दुनिया भर में अंहिसक तरीके से किए जाने वाले विरोध प्रदर्शनों का समर्थन करता है...भारत एक लोकतात्रंतिक देश है और अमेरिका को उम्मीद है कि भारत ऐसे प्रदर्शनों से निपटने में संयम रखेगा। वहीं भारत सरकार अमेरिका की और से की गई इस टिप्पणी से नाराज है। सरकार ने इस टिप्पणी को गैर-जरूरी करार दिया है। साथ ही गृहमंत्रालय ने कहा है कि भारतीय संविधान में लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की आजादी दी गई है और देश के 1 अरब से ज्यादा लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। वहीं अन्ना की टीम के सदस्य प्रशांत भूषण ने अमेरिका की ओर से की गई इस टिप्पणी को सकारात्मक बताया है। अन्ना हजारे के अनशन को देश में हर जगह समर्थन मिल रहा है। बेंगलुरु में इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कार्यकर्ताओं ने सड़क की सफाई की। कार्यकर्ता ये संदेश देना चाहते थे कि इसी तरह देश से भ्रष्टाचार की भी सफाई की जाए। इन कार्यकर्ताओं ने कहा कि हाथ गंदे हो जाएंगे, इस डर से सफाई न करना सही नहीं है। हम गंदगी और भ्रष्टाचार दोनों की सफाई करना चाहते हैं, ताकि आने वाली पीढ़ी को साफ−सथुरा समाज मिल सके। इन कार्यकर्ताओं ने लोगों से अपील की है कि वे मजबूत लोकपाल बिल के लिए अन्ना का साथ दें।


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