यह ख़बर 30 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

भ्रष्टाचार के खिलाफ देश भर में निकला जुलूस

खास बातें

  • सामाजिक संगठनों के आह्वान पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 63वें शहादत दिवस पर रविवार को देश भर में भ्रष्टाचार के विरोध में लोगों ने जुलूस निकाला।
New Delhi:

सामाजिक संगठनों के आह्वान पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 63वें शहादत दिवस पर रविवार को देश भर में भ्रष्टाचार के विरोध में लोगों ने जुलूस निकाला और जनता द्वारा तैयार किए गए लोकपाल विधेयक को संसद में पारित कराने की सरकार से मांग की। उल्लेखनीय है कि किरण बेदी, प्रशांत भूषण, न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े, अरुणा रॉय, अरविंद केजरीवाल जैसे लोगों ने मिलकर एक भ्रष्टाचार निरोधी विधेयक तैयार किया है, जो लोकपाल नामक एक स्वतंत्र, सशक्त, पारदर्शी और जवादेह भ्रष्टाचार निरोधी एजेंसी स्थापित करने की मांग करता है। राजधानी दिल्ली में समाज के विभिन्न तबकों के हजारों की संख्या में लोगों ने रामलीला मैदान में शिरकत की और वहां से सभी ने जंतर-मंतर तक जुलूस निकाला। इसमें भारतीय पुलिस सेवा की पूर्व अधिकारी किरण बेदी, सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश व अन्ना हजारे तथा अधिवक्ता प्रशांत भूषण प्रमुख रूप से शामिल थे। यहां आयोजित रैली को सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण ने कहा, जनता द्वारा तैयार किया गया लोकपाल विधेयक इतना प्रभावी है कि यह अगले दो-तीन वर्षों के भीतर भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकेगा। राजनीतिक पार्टियों को इस विधेयक को पारित करने के लिए समर्थन देना चाहिए, क्योंकि सरकार द्वारा सुझाया गया लोकपाल केवल दिखावा मात्र है। भ्रष्टाचार विरोधी इस जुलूस का आयोजन देश के 60 शहरों में एक साथ किया गया। इस सिलसिले में हैदराबाद में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जेएम लिंगदोह के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जुलूस निकाला। लोगों ने हैदराबाद में हुसैन सागर झील के किनारे बने नेकलेस रोड पर मार्च किया। जुलूस में शामिल 'यूथ फॉर बेटर इंडिया' के कार्यकर्ता "ब्रिंग द लोकपाल बिल" (लोकपाल विधेयक पेश करो) जैसे नारे लिखे बैनर और तख्तियां हाथ में लिए हुए थे। नौकरशाही से राजनीति में आए जयप्रकाश नारायण, चिकित्सक केएस रत्नाकर और तेलुगू फिल्मों के निर्देशक राजा मौली जुलूस में शामिल प्रमुख लोगों में से थे। जुलूस में शामिल लोगों में योग गुरु बाबा रामदेव के अनुयायी और कई गैर-सरकारी संगठनों के कार्यकर्ता शामिल थे। विभिन्न कॉलेजों के विद्यार्थी हाथों में राष्ट्र ध्वज व अपने-अपने संस्थानों से सम्बंधित रंगबिरंगे झंडे लिए हुए दिखाई दे रहे थे। मार्च के आयोजकों ने कहा कि सामाजिक संगठनों द्वारा तैयार किए गए लोकपाल विधेयक को कानून में परिवर्तित किया जाना चाहिए। राजा मौली ने कहा, मंत्रियों को लोकपाल के दायरे में लाया जाना चाहिए। लोकपाल नामक संस्था के पास भ्रष्टाचार में लिप्त मंत्रियों सहित सभी लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने और उन्हें दंडित करने का अधिकार होना चाहिए। लोक सत्ता के श्रीनिवास राव ने कहा कि हाल में सामने आए 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले और बड़े पैमाने पर विदेशी बैंकों में जमा काले धन जैसे भ्रष्टाचार के खुलासों ने जनता का गुस्सा बढ़ा दिया है। आंध्र प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल, तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने भी भ्रष्टाचार के खिलाफ यहां जुलूस निकाला और बजट सत्र में पारित किए जाने वाले लोकपाल विधेयक में आवश्यक संशोधन की मांग की। तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ कोलकोंडा सैन्य अस्पताल से लंगर हौज स्थित बापू घाट तक मार्च किया और महात्मा गांधी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर नायडू ने संवाददाताओं से कहा कि इस अभियान का उद्देश्य भ्रष्टाचार की गम्भीरता के बारे में जनता में जागरूकता पैदा करना है। नायडू ने मांग की कि लोकपाल विधेयक में आवश्यक संशोधन किए जाने के बाद ही उसे बजट सत्र में पारित किया जाना चाहिए। उन्होंने इस विधेयक पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस चलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री, मंत्रियों, सांसदों और राज्य के विधायकों को लोकपाल के दायरे में लाया जाना चाहिए। पुणे और औरंगाबाद में भी हजारों की संख्या में लोगों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जुलूस में हिस्सा लिया। पुणे में दो घंटे तक चला जुलूस फरगूसन कॉलेज गेट से शुरू हुआ और संचेती चौक, बाल गंगाधर चौक से होते हुए सम्भाजी उद्यान जाकर विसर्जित हो गया। औरंगाबाद में निकाले गए जुलूस में स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थियों सहित नागरिकों ने हिस्सा लिया। जुलूस क्रांति चौक से शुरू हुआ और पैठण गेट पर जाकर विसर्जित हो गया। मुम्बई में भ्रष्टाचार विरोधी जुलूस में लगभग 10,000 लोगों ने हिस्सा लिया। आयोजन समिति के एक प्रवक्ता ने कहा, यह विशाल जुलूस सरकार पर इस बात के लिए दबाव बनाने हेतु आयोजित किया गया है कि वह नागरिकों द्वारा तैयार किए गए मसौदा विधेयक को कानून में परिवर्तित करे। इसी कड़ी में आगरा में भी सैकड़ों की संख्या में लोगों ने जुलूस में हिस्सा लिया। जुलूस सूर सदन प्रेक्षागृह के पास स्थित आगरा नगर निगम कार्यालय से शुरू हुआ और एमजी रोड होते हुए शहीद स्मारक तक गया। यहां पर कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के आधिकारिक लोकपाल विधेयक का पुतला फूंका और शहीदों के लिए दो मिनट का मौन रखा। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ मार्च निकाले जाने की खबर है। सैकड़ों की संख्या में बेंगलुरु वासियों ने हाथों में तख्तियां लिए मार्च किया और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी कानून बनाने की मांग की। इस मार्च का अयोजन श्री श्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग और जनाग्रह जैसी गैर लाभकारी संगठनों की ओर से किया गया था।


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