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खास बातें
- तमाम दबावों के आगे झुकते हुए सरकार ने आखिरकार यौन संबंधों में सहमति की उम्र घटाने का फैसला छोड़ दिया है। अब ऐंटी रेप बिल संशोधनों के साथ लोकसभा में मंगलवार को पेश किया जा सकता है। सोमवार को कैबिनेट ने इसके संशोधनों को अपनी मंज़ूरी दे दी।
नई दिल्ली: तमाम दबावों के आगे झुकते हुए सरकार ने आखिरकार यौन संबंधों में सहमति की उम्र घटाने का फैसला छोड़ दिया है। अब ऐंटी रेप बिल संशोधनों के साथ लोकसभा में मंगलवार को पेश किया जा सकता है। सोमवार को कैबिनेट ने इसके संशोधनों को अपनी मंज़ूरी दे दी।
इससे पहले, लोकसभा में मंगलवार को दुष्कर्म रोधी विधेयक पेश करने की योजना के बीच सरकार यौन संबंधों के लिए सहमति की उम्र को बढ़ाकर 18 वर्ष करने पर सहमत हो गई।
सर्वदलीय बैठक में सहमति की उम्र पर सर्वसम्मति बन जाने के बाद एक सरकारी सूत्र ने बताया, "18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ सहमति से बनाए गए शारीरिक संबंध को 'बलात्कार' माना जाएगा।"
सूत्रों के अनुसार यौन अपराध करने वाले नाबालिग बच्चे को पहले अपराध के लिए दंड स्वरूप एक वर्ष की परिवीक्षा से गुजरना होगा, लेकिन दूसरी बार इसी तरह का अपराध करने पर उस पर 'बलात्कार' का मामला दर्ज किया जाएगा।
लोकसभा में विधेयक पेश करने के साथ ही सरकार इस मुद्दे पर संशोधन प्रस्ताव लाएगी।