नई दिल्ली: अगर पाकिस्तान परमाणु हमला करता है तो उससे कैसे निपटा जाए और शत्रु पर जीत कैसे हासिल की जाए, इसी को ध्यान में रखकर भारतीय थल सेना पाकिस्तान से लगी सरहद पर 'शत्रुजीत' अभ्यास कर रही है।
तपती गर्मी में थार के रेगिस्तान में हो रहे इस अभ्यास के कई मायने हैं। पहला तो अपनी रणनीतिक कौशल को और निखारना है ताकि लड़ाई के दौरान दुश्मन के छक्के छुड़ाए जा सके। दूसरा अभ्यास के दौरान ऐसा माहौल बनाया जा रहा कि अगर दुश्मन की ओर से परमाणु, जैविक और रासायिनक हमला होता है, तो उससे कैसे निपटा जाए।
स्ट्राइक कोर वन की अगुवाई में अभ्यास
ये अभ्यास मथुरा में मौजूद स्ट्राइक कोर वन की अगुवाई में हो रहा है। इस दौरान पैराशूट और हेलीकॉप्टर की मदद से कमांडो को 'दुश्मन क्षेत्र' में उतार कर उनकी ऑपरेशन क्षमता को भी परखा जाएगा। इसमें सेना के आर्म्ड, आर्टिलरी और इंफ्रैट्री की कई टुकड़ियां हिस्सा ले रही हैं।
अभ्यास में 30 हजार से ज्यादा सैनिक शामिल
करीब 30 हजार से ज्यादा सैनिक बीकानेर और सूरतगढ़ के पास महाजन फायरिंग रेंज में हो रहे इस अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं। इस अभ्यास को शुरू हुए दो महीना हो गए हैं और ये अब अंतिम चरण में है। 22 अप्रैल को सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह खुद युद्धाभ्यास का जायजा लेने जा सकते हैं।